भक्तों के प्रेम में लगातार 14 घंटे तक स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलराम जी बीमार पड़ गए। प्रभु अब 14 दिनों तक स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। इस दौरान भक्तों से दूर रहेंगे। उन्हें 14 दिनों तक गंगाजल से बने काढ़े का भोग लगाया जाएगा।
प्रभु के बीमार पड़ने की वजह से रविवार को जगन्नाथ मंदिर के कपाट नहीं खुले। शाम चार बजे भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा व बलभद्र को गंगा जल से बने काढ़े का भोग लगाया गया। इसका प्रसाद श्रद्धालुओं में बांटा गया। मंदिर के पुजारी राधेश्याम पांडेय के मुताबिक यह प्रक्रिया पांच जुलाई तक चलेगी। प्रभु को अर्पित किया जाने वाला काढ़ा खास विधि से तैयार किया जाता है। इसमें छोटी इलायची, बड़ी इलायची, जायफल, लौंग, काली मिर्च, अदरक, तुलसी, कच्ची चीनी, मुलेठी और गुलाबजल शामिल होता है। स्वस्थ होने के बाद भगवान जगन्नाथ श्वेत वस्त्र में भक्तों को दर्शन देंगे। इस दिन परवल के जूस का भोग लगेगा। ऐसी मान्यता है कि भगवान को भोग लगे काढ़े के प्रसाद के सेवन से भक्तों के सारे रोग दूर हो जाते हैं।