वाराणसी जिला कारागार में निरुद्ध एक बंदी ने फरार होने का किया प्रयास, चार कर्मचारियों के निलंबन के बाद विभागीय जांच शुरू

वाराणसी जिला कारागार में बंदियों की सुरक्षा में लापरवाही बरतने वाले दो बंदी रक्षकों समेत चार कर्मचारियों की भूमिका जांच में संदिग्ध मिली। जेल अधीक्षक ने सभी को पिछले दिनों निरुद्ध बंदी ने फरार होने के प्रयास में लापरवाह पाया। मामले में जांच रिपोर्ट के आधार पर निलंबन के बाद अब विभागीय जांच शुरू हो चुकी है। निलंबित कर्मचारियों में दो बंदीरक्षक, एक पीएसी जवान और एक चौकीदार शामिल है।

जिला जेल में कुछ दिन पहले शाम पांच बजे बिहार निवासी एक बंदी मौका पाकर अपने बैरक से दूसरे बैरक में पहुंच गया। बंदी रक्षकों के ड्यूटी प्वाइंट से हटते ही वह शौचालय की दीवार पर चढ़ा और उसके सहारे जेल के अंदर वाली बाउंड्री पर चढ़कर भागने लगा।जेल की मुख्य दीवार पर बंदी को एक बंदीरक्षक ने देख लिया और घंटी बजा दी। जेल में अलार्म भी बजाया गया, जिसके बाद हड़कंप मच गया। बंदी को दबोचने के लिए एक टीम जेल के बाहर और एक अंदर लगाई गई।बैरक से बाहर आए बंदियों को भी आनन फानन में अंदर कर दिया गया। बंदी के भागने के प्रयास से अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। इसके बाद घेराबंदी कर जेल कर्मियों ने उसे दबोच लिया।

वारदात के समय शहर के बाहर थे जेल अधीक्षक

जिला जेल में बंदी ने तब भागने का प्रयास किया जब जेल अधीक्षक वाराणसी में नहीं थे। बंदीरक्षकों की बातचीत सुनकर बंदी को इसके बारे में सुबह ही पता चल गया और कर्मचारियों को ड्यूटी में सक्रिय नहीं देखकर उसने भागने का प्लान बनाया।जिला जेल अधीक्षक आचार्य डॉक्टर उमेश सिंह के शहर में बाहर होने के चलते जेलर पर चार्ज था। उनकों व्यस्त देखकर बंदीरक्षक भी मनमाने तरीके से ड्यूटी कर रहे थे, इसी दौरान बंदी अपनी बैरक से दूसरे छोर पर बैरक में पहुंच गया।जेल अधीक्षक को अधीनस्थों ने घटना की जानकारी दी, वाराणसी लौटकर मामले की जांच शुरू कर दी। जांच में बंदी रक्षक महेंद्र त्रिपाठी रामनिवास मिश्रा और मुकेश सिंह प्रथम दृष्टया ड्यूटी में लापरवाह पाए गए। गेट पर तैनात पीएसी के जवान और अभिनव सिंह चौकीदार को भी बंदी के भागने के प्रयास में लापरवाह माना गया। सभी दोषियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

चारों आरोपियों के खिलाफ जांच जारी

जेल अधीक्षक आचार्य डाक्टर उमेश सिंह ने बताया कि जेल में निरुद्ध बंदी के भागने का प्रयास निश्चित तौर पर ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों का दोष है। लापरवाही बरतने वाले बंदी रक्षकों समेत 4 कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। जांच में दोषी पाए गए कर्मियों को बख्शा नही जायेगा, निलंबन के बाद उनके विरुद्ध विभागीय जांच भी अमल में लाई जा रही है।

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