गुुरुवार को मुहर्रम की 11वीं तारीख पर शिया समुदाय ने दालमंडी से लुटे काफिले का जुलूस उठाया। चुप के डंके का जुलूस दालमंडी हकीम अब्दुल काजिम के आवास से निकल कर फातमान तक गया। जुलूस इमाम हुसैन और शहीदाने करबला की फतह का पैगाम लेकर अलम और दुलदुल के साथ निकले।
जुलूस में आगे-आगे जहां लोग करबला वालों की तीज का डंका बजाते चल रहे थे, वहीं पीछे लोग इमाम हुसैन का परचम लेकर चल रहे थे। जुलूस में बड़ी संख्या में सुरक्षा की दृष्टिगत पुलिस फोर्स तैनात रही।
लोग जुलूस में शामिल दुलदुल की जियारत करने उमड़ पड़े। जुलूस के कदीमी रास्ते में आलिमों ने तकरीर पेश की। तकरीर में जब उन्होंने लुटे हुए काफिले का मंजर बयान किया तो शिया समुदाय के लोगो की आँखे नम हो गयी। रास्ते में जुलूस को देखने के लिए महिलाओं, बच्चों की भीड़ भी जुटी रही।
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