पुरानी पेंशन बहाली को लेकर ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आह्वान पर डी एल डब्ल्यू मेंस यूनियन द्वारा बनारस रेल कारखाना के पश्चिमी गेट पर भारी संख्या में जुटे कर्मचारियों ने गेट मीटिंग करके केंद्र सरकार से माँग रखी । मीटिंग की अध्यक्षता कामरेड प्रदीप शर्मा जोनल सेक्रेटरी AIRF और संचालन अरविन्द श्रीवास्तव महामंत्री डी एल डब्ल्यू मेंस यूनियन ने किया।
अरविन्द प्रधान ने कहा कि 01जनवरी 2004 से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पूर्व प्रदत्त पेंशन व्यवस्था समाप्त करके नई अंशदाई पेंशन व्यवस्था लागू कर दी गई है जो की शेयर बाजार आधारित व्यवस्था है कर्मचारी समाज लगातार इस व्यवस्था का विरोध कर रहा है । मीटिंग को सम्बोधित करते हुए रंजीत कुमार सिंह ने कहा कि देश व प्रदेश के लाखों लाख कर्मचारी एवं शिक्षकों द्वारा 27 जून 2023 को लखनऊ में और 10 अगस्त 2023 को दिल्ली के रामलीला मैदान में आक्रोश व्यक्त किया परंतु केन्द्र सरकार द्वारा अभी तक गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है इससे कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
अध्यक्षता कर रहे कामरेड प्रदीप शर्मा ने कहा कि विगत 10 वर्षों से पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली की मांग पर संगठन द्वारा लगातार चेतावनी दी जा रही है परंतु मांग पूरी न होने पर अब मजबूर होकर रेल का चक्का जाम किए जाने जैसा निर्णय हमारे कामरेड राष्ट्रीय संयोजक शिव गोपाल मिश्रा जी को लेना पड़ेगा। कार्यक्रम का संचालन कर रहे कामरेड अरविन्द श्रीवास्तव ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली पर केन्द्र सरकार द्वारा कोई निर्णय न लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है यदि मजबूर होकर हड़ताल जैसा कठोर निर्णय संगठन को लेना पड़ेगा तो हमने इसके लिए तैयारियां कर ली है जिसके लिए 98 प्रतिशत कर्मचारियों ने सहमति प्रदान की है। पूर्व संयुक्त सचिव अमर सिंह ने कहा कि वर्ष 2014 में लोक सभा चुनाव के पूर्व प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात की घोषणा की थी जब हमारी सरकार बनेगी तो हम पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करेंगें। आज भारत सरकार को 20 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी कर्मचारियों की मांग पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली नहीं की गई।मीटिंग में कर्मचारी परिषद सदस्य संजय कुमार, राजेश कुमार सिंह, ज्ञान शर्मा, अभिमन्यु राय, आशुतोष कुमार,एस पी राय, त्रिलोकी नाथ सिंह, शिव कुमार यादव, अभिषेक वर्मा,निलेश राय,शिव बालक प्रसाद,प्रदीप पाल, गायत्री पटेल, संतोष कुमार, अरुण विश्वकर्मा, अनूप तिवारी, अविनाश पाठक आदि मौजूद रहे।