पीसीएस अधिकारी से मांगी गई 35 लाख रुपए की रंगदारी, नौकरी से निकालने और फर्जी केस में फसाने की दी गई धमकी, जांच में जुटी पुलिस

वाराणसी में PCS अधिकारी से 35 लाख रुपए की रंगदारी मांगी गई है। अधिकारी को नौकरी से निकालने और फर्जी केस में फंसाने के नाम पर धमकाया गया है। फिलहाल, पीड़ित ने इस संबंध में कैंट थाने पर मुकदमा दर्ज कराया। मामले में पुलिस जांच में जुट गई है।

पीसीएस सहायक अभियोजन अधिकारी दीपक कुमार के अनुसार- फोन करने वाले व्यक्तियों को वो पूर्व में 10 लाख रुपए दे चुके हैं। उस वक्त एक लड़की ने फोन कर झूठे मुकदमे में फंसाने की बात कही थी।

 फोन से पहले धमकाया फिर मांगे 35 लाख 

सहायक अभियोजन अधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि उनके मोबाइल पर राधेश्याम तिवारी नामक व्यक्ति का फोन आया था। उसने धौंस जमाते हुए 35 लाख रुपए की डिमांड की और न देने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दे डाली। दीपक कुमार ने बताया कि इसके पहले भी 10 लाख की डिमांड की गई थी, जिसे मैंने लोन लेकर दिया था।

फर्जी मुकदमें में फंसाने और नौकरी से निकलवाने की दी धमकी 

दीपक कुमार ने बताया कि 35 लाख रुपए देने से मना करने पर व्यक्ति द्वारा झूठे केस में फंसाने और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी जा रही है। ऐसे में मैंने नामजद मुकदमा कैंट थाने में दर्ज कराया है। फिलहाल कैंट थाना प्रभारी ने मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है।

पीसीएस अधिकारी ने इन पर लगाए आरोप 

अधिकारी ने पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में कहा है कि 'इस पूरे घटनाक्रम में प्रयागराज की अलकापुरी कालोनी अशोक नगर के रहने वाले अशोक कुमार पांडेय और सहारनपुर की जनक नगर की शालिनी शर्मा का हाथ है। अशोक और शालिनी दोनों शातिर किस्म के हैं और न्यायालय को भ्रमित कर किसी के ऊपर भी मुकदमा दर्ज करवा देते हैं।

जार्जटाउन थाने में फर्जी एफआईआर कर ऐंठे थे 10 लाख 

दीपक कुमार के अनुसार अशोक और शालिनी ने इससे पहले भी न्यायालय में गलत तथ्य जमा कर प्रयागराज के जॉर्जटाउन थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था और नौकरी से निकालने की धमकी देकर 10 लाख रुपए ऐंठे थे। अपराध की विवेचना में अपराध होना नहीं पाया गया था।

अब मांग रहे 35 लाख, न्यायालय में दिया है प्रार्थना पत्र

दीपक ने बताया-अब दोनों मुझे धमका रहे हैं और 35 लाख रुपए की डिमांड कर रहे हैं। उन्होंने कोर्ट में लेटर दिया है कि 35 लाख रुपए में समझौता हुआ है लेकिन सिफर 10 लाख रुपए दिए गए हैं। इस बारे में न्यायालय को बताया गया उसके बाद भी लगातार फोन आ रहे हैं। ऐसे में मैंने पुलिस कंप्लेन की है।

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