यौम-ए-अशुरा पर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से ताजिए के साथ निकाला जुलूस

मुहर्रम के मौके पर इमाम हुसैन की शहादत को लेकर मातम किया गया। प्रशासन की ओर से जुलूस को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए। कुर्बानी की याद ताजा करने व इंसानियत का पैगाम देने के लिए मुहर्रम की 10 तारीख को ताजिये, अलम, दुलदुल व तुर्बत के जुलूस निकाले गए। वाराणसी में दसवीं मुहर्रम पर नई सड़क से बुद्धवार को बाकर भाई के आवास से दसवें आशुरा दुलदुल का जूलूस निकाला गया इस दौरान जंजीर का मातम हुआ। 

अंजुमन हैदरी के लोग नौहा पढ़ रहे थे। जुलूस में अलम व दुलदुल चल रहा था। अजाखानों में नौहाख्वानी, सीनाजनी व कमा का मातम कर अजादारों ने शोहदा-ए-कर्बला का गम मनाया। इस दौरान विभिन्न प्रकार की ताजिया लोगों के आकर्षण का केंद्र रही। विभिन्न क्षेत्रों से ताजिया दरगाह है फातमान पहुंची । इस मौके पर फातमान क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की दुकानें सजी रही। 

वही नवी मोहर्रम को जिले के सभी इमाम चौक पर ताजिया रखे गए जगह-जगह नोहा ख्वानी और मातम का दौर शुरू हुआ सैकड़ो महिलाएं बच्चे बूढ़े जियारत के लिए पहुंचे महिलाओं ने मन्नत मांगी। वाराणसी में मंगलवार की शाम नगर के लल्लापुरा में २५० वर्ष पुरानी रागे की ताजिया एतिहासिक है गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल है इसै देखने के लिए काफी लोग आए ।

Post a Comment

Previous Post Next Post