लंका थाना अंतर्गत नगवा में पुलिसकर्मी और छात्रा की पिटाई से क्षुब्ध होकर एक युवक ने गंगा में कूदकर आत्महत्या कर लिया। इस मामले में अधिकारियों ने आरोपी दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया और जांच के भी आदेश दिए गए। वही मृतक के परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर देर रात जमकर हंगामा भी किया था। बता दे कि पिछले दिनों लंका थाना क्षेत्र में एक छात्रा से सब्जी विक्रेता विशाल सोनकर नामक युवक का विवाद हो गया। मॉर्निग वॉक पर निकले लंका थाना क्षेत्र के थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा दो पुलिसकर्मियों के साथ वहां से गुजरते वक्त मौके पर पहुंचे। छात्रा और युवक के विवाद में थाना प्रभारी के सामने दो पुलिसकर्मियों ने युवक को डांट फटकार लगाते हुए थप्पड़ जड़ दिया। वहीं छात्र मौके पर पहुंची और युवक के ऊपर दो तीन थप्पड़ चला दिया।
परिजनों ने आरोप लगाया था कि बीच सड़क सभी के सामने लड़की और पुलिसकर्मियों से थप्पड़ खाने से क्षुब्ध होकर युवक ने गंगा छलांग लगाकर आत्महत्या कर लिया। यह मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ने लगा है पिछले दिनों कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल परिजनों से मिला था तो वही आज शनिवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह और रॉबर्ट्सगंज के छोटेलाल खरवार दोनों सांसद मृतक के परिजनों से मिले हैं। उनसे संवाद किए हैं और उन्हें ढाढस बधाया है। मृतक के पिता शारदा सोनकर से बातचीत के दौरान सांसद ने कहा कि हम लोग आपकी बातें संसद में भी रखेंगे इसके साथ ही वाराणसी के कमिश्नर को मिलकर उन्हें पत्रक दिया जाएगा और उनसे आर्थिक सहयोग के लिए भी कहा जाएगा इस दौरान शारदा सोनकर द्वारा कहा गया कि हम लंका थाने में होमगार्ड की नौकरी करते हैं हमारे ऊपर दबाव बनाया जा रहा है और हमें निकालने की धमकी भी दी जा रही है।
इस पर सांसद ने कहां की आपके साथ सपा का पूरा प्रतिनिधिमंडल है और आपके साथ ऐसा कुछ नहीं होने दिया जाएगा। पत्रकारों से वार्ता के दौरान सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह जो दुर्घटना घटी है इसमें न्याय दिलाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हम लोगों को भेजा है भाजपा सरकार में जो अत्याचार हो रहा है उसमें यह अपने आप को अकेला ना समझे। और उनके बेटे को न्याय दिलाने के लिए इनको न्याय दिलाने के लिए हम सब मिलकर के उनके साथ इस लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे। इसे हम लोगों ने सहमति भी लिया है और इस पूरी घटना की जांच राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग से कराया जाए। ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके। उन्होंने सरकार से मांग किया कि मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपया आर्थिक सहायता के रूप में दिया जाए दिया।