वाराणसी में सत्तादल के नेताओं की साठगांठ से वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) से सील होटलों का संचालन जारी है। शहर के बनारस कोठी और रिवर पैलेस होटल सील होने के बाद पिछले दरवाजे से पर्यटकों की बुकिंग कर रहे हैं। होटल में देश विदेश के पर्यटकों का ठहराव जारी है और होटल संचालक अंदर निर्माण भी करवाने में जुटे हैं। VDA की टीम पहुंची तो शिकायत सही मिली, जिसके बाद दोनों होटल संचालकों को तत्काल होटल खाली करने का नोटिस थमाया गया।
वहीं वीडीए के अवर अभियंता अतुल कुमार मिश्रा की तहरीर पर दोनों होटलों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यह पहला मामला नहीं है, इन होटल को वीडीए ने आठ साल पहले 2015 में भी सील किया था।
वाराणसी विकास प्राधिकरण की टीम ने वरुणा क्षेत्र में संचालित दो होटलों बनारस कोठी और रिवर पैलेस का निरीक्षण किया। टीम ने निरीक्षण के बाद दोनों होटलों को खाली कराने का नोटिस दे दिया। इन होटलों का बिजली कनेक्शन काट दिया गया और जलकल जीएम को पत्र लिखकर पानी का कनेक्शन काटने को कहा।
बताया गया कि वीडीए ने आठ साल पहले यानि 2015 में बुद्ध विहार कॉलोनी में बनाए गए दोनों होटलों को मानक के विपरीत पाकर सील किया था। इन दोनों पर वरुणा नदी के किनारे 50 मीटर दायरे में एनजीटी के आदेश का अनुपालन नहीं करने का आरोप था। दोनों ने बिना किसी अनुमति होटल निर्माण कर लिया।
इसके बाद 13 फरवरी 2015 को बनारस कोठी और 23 नवंबर 2015 को रिवर पैलेस पर ताला लगाकर सील कर दिया गया। होटल संचालन कोर्ट गए तो वहां भी राहत नहीं मिली और याचिका खारिज हो गई।
इसके बाद 2017 में सत्ता दल के नेताओं से साठगांठ कर ली और होटलों का संचालन शुरू हो गया। इसके बाद लगातार पर्यटकों को टूरिज्म एजेंसी के नाम पर बुकिंग दी जा रही थी, दूसरे नाम की बुकिंग के बाद इन दोनों होटलों ठहराया जा रहा था।
एनजीटी के नियम उल्लंघन का आरोप
विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने बताया कि बनारस कोठी और रिवर पैलेस नाम से बने दोनों होटलों का मानचित्र निर्माण के अनुरूप स्वीकृत नहीं है। वरुणा किनारे 50 मीटर क्षेत्र डूब क्षेत्र माना जाता है और एनजीटी ने 50 मीटर में निर्माण पर रोक लगाई है। 2015 में दोनों होटल सील किए गए थे, उसके बाद संचालन करने पर केस दर्ज कराकर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
उधर, होटल संचालक मोहम्मद जाफर खान ने बताया कि सभी कार्रवाई पूरी है और होटल का बिजली बिल भी जमा है। वीडीए मनमानी कर रहा है, इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे