भादो कृष्ण पक्ष षष्ठी को पूजी गई ललही छठ माता, पुत्र की दीर्घायु की कामना के साथ महिलाओं ने रखा व्रत, सुनी पारंपरिक कथाएं

शनिवार को ललही छठ के अवसर पर ईश्वरगंगी स्थित ललही माता के मंदिर में भोर से ही महिलाओं और भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। परंपरा के अनुसार बड़ी संख्या में महिलाओं ने पहुंचकर माता के दरबार में विशेष पूजन अर्चन कर माता का आशीर्वाद लिया। माँ को माला फूल फल मिष्ठान चढ़ा कर कहानी किस्सा के साथ महिलाओं ने इस पूजन को किया। 

मंदिर के महंत दिवाकर पाण्डेय ने बताया की यह बहुत पुरानी परंपरा है आज के दिन महिलाएं अपने पुत्र की दीर्घायु की कामना के साथ इस पूजन को संपन्न करती हैं। इस पूजन को करने से परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है। मंदिर प्रांगण में भक्तों के लिए प्रसाद वितरण का प्रबंध किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने मां का प्रसाद हलवा और घुघरी ग्रहण किया। 

उपस्थित श्रद्धालु महिलाओं ने बताया की मां बड़ी दयालु है आज के दिन हम लोग प्रतिवर्ष इस मंदिर प्रांगण में आते हैं और कहानी किस्सा के साथ जय जयकार के बीच मां का दर्शन करते हैं अपने पुत्र की दीर्घायु की कामना को लेकर हम लोग इस प्रांगण में आते हैं जिससे पुत्र के साथ परिवार मे भी सुख समृद्धि बनी रहे। 

इस अवसर पर महिलाएं शहर के विभिन्न कुंड और तालाबों के पास पहुंचकर इस पूजन को संपन्न करती है इसी कड़ी में संकुल धारा पोखरे पर भी बड़ी संख्या में पहुंची महिलाओं ने ललही छठ माता का पूजन अर्चन किया। परम्परा के अनुसार महिलाओं ने व्रत रखकर छठ माता का पूजन-अर्चन किया। इस दौरान पुत्रों के दीर्घायु व यशस्वी होने की कामना की गयी।  

मान्यताओं के अनुसार पर्व के दिन ललही छठ माता का पूजन-अर्चन व व्रत रखने से संतान को सुख, शांति व समृद्धि मिलती है। ऐसे में शनिवार को महिलाएं सुबह स्नान आदि के बाद निर्धारित पूजा स्थलों पर पहुंची कुश के पौधों के पास पूजन अर्चन किया। इस दौरान महुआ के पत्तों, तीन्नी के चावल, दही आदि रखकर माता को नमन किया गया। पूजा अर्चन के बाद छठ माता से जुड़ी कथाओं व गीतों को  महिलाएं ने गाया। एक दूसरे को सुनाती हैं।






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