कैथी स्थित मार्कण्डेय महादेव मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ देखने को मिले दूर दराज से पहुंचे शिव भक्तों ने बाबा के दरबार में मत्था टेका और श्रद्धा भाव से उन्हें जल दूध बेलपत्र मदार की माला सहित फल फूल मिष्ठान अर्पित कर जीवन मंगल की कामना की।
काशी से 30 किलोमीटर दूर मार्कंडेय महादेव मन्दिर स्थित है, जिसे लेकर लोगों के मन में गहरी श्रद्धा है। भगवान शिव के इस पावन धाम को लेकर एक पौराणिक कथा प्रचलित है।कहा जाता है जब ऋषि मार्कंडेय छोटे थे, तब ज्योतिषों ने उनके पिता को बताया था कि उनके पुत्र की आयु कम है वो केवल 14 साल तक ही जीवित रहेगा. ये सुनकर मार्कंडेय महादेव के माता पिता दुख में डूब गए और ज्ञानियों की सलाह पर भगवान शिव की पूजा करने लगे।
जब बालक मार्कंडेय 14 वर्ष के पूरे हुए तब उनको लेने यमराज आए उस समय बालक मार्कंडेय भी शिव की उपासना में लीन थे. जैसे ही बालक के प्राण लेने के लिए यमराज आगे बढे वैसे ही भगवान शिव प्रकट हो गए. भगवान शिव ने कहा कि मेरा ये भक्त अमर रहेगा, मुझसे पहले इसकी पूजा की जाएगी. तब यमराज को वापस लौटना पड़ा. तभी से उसी जगह पर मार्कंडेय महादेव की पूजा की जाने लगी।