वाराणसी के कैंटोनमेंट क्षेत्र में वरुणा किनारे ग्रीन बेल्ट में होटलों के ध्वस्तीकरण का खर्च होटल मालिक से वसूला जाएगा। होटल बनारस कोठी और रिवर पैलेस को गिराए जाने के बाद अभी काम रोका गया है।वाराणसी विकास प्राधिकरण ने जल्द ही फिर से कार्रवाई शुरू करने की बात कहते हुए नोटिस जारी किया है। वीडीए ने होटल मालिक जफर अली को होटल तोड़ने में खर्च हुए चार लाख 6 हजार रुपए भुगतान करने का नोटिस भेजा है। नोटिस के बाद होटल संचालकों में हड़कंप मचा है।
वाराणसी विकास प्राधिकरण के सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया-वरुणा नदी के किनारे ग्रीन बेल्ट के क्षेत्र में बुद्ध विहार काॅलोनी में चार रिहायशी जमीनों को मिलाकर अनाधिकृत रूप से बिना नक्शा पास करा कर होटल का संचालन किया जा रहा था। मामले में बनारस कोठी और रिवर पैलेस पर कार्रवाई की गई है। होटल मालिक से स्वयं तोड़ने का नोटिस दिया गया था, लेकिन होटल संचालक ने कोई एक्शन नहीं लिया।
होटल सील करने के बाद 27 जुलाई को वीडीए की ओर से होटल गिराने की कार्रवाई शुरू की गई। दो दिन की कार्रवाई में काफी हिस्सा ढहा दिया गया है लेकिन अभी बड़ा हिस्सा गिराना बाकी है। अवैध निर्माणधीन गिराने में जेसीबी, ड्रिल मशीन एवं मानव संसाधन आदि पर चार लाख छह हजार 666 रुपए खर्च हुए हैं।
स्वयं होटल गिराने को दिया गया था नोटिस
प्राधिकरण के सचिव डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि होटल मालिक को पहले ही स्वयं अतिक्रमण और अनाधिकृत निर्माण हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, लेकिन होटल मालिक ने इसे नजर अंदाज किया।
27 जुलाई को कार्रवाई के दौरान वाराणसी विकास प्राधिकरण को अपनी मशीनरी और भाड़े पर चीजों को मंगवा कर इस्तेमाल करना पड़ा। इसमें चार लाख रुपये से ज्यादा का खर्च हुआ है।
इसके लिए होटल मालिक जाफर अली को नोटिस भेजकर 15 दिन में धनराशि जमा करने को कहा गया है। इस धनराशि का भुगतान होटल मालिक को भरना होगा नहीं, तो राजस्व नियम के तहत वसूली की करवाई की जाएगी।
VDA वीसी बोले - 6 साल से अवैध तरीके से चला रहे होटल
VDA वीसी पुलकित गर्ग ने कहा 2016 में होटल के ध्वस्तीकरण के आदेश हुए थे। इन लोगों ने कमिश्नर ऑफिस से लेकर कई कोर्ट में अपील की। हर जगह सुनवाई के बाद केस खारिज हो गया। 2017-2018 में भी टीम होटल गिराने आई थी।
इसके बाद 13 फरवरी, 2015 को बनारस कोठी और 23 नवंबर, 2015 को रिवर पैलेस पर ताला लगाकर सील कर दिया गया। उस वक्त महिलाओं को आगे कर टीम को रोका गया था। सरकारी काम में बाधा डालने पर एफआईआर दर्ज कराई गई थी। पिछले 6 साल से अवैध तरीके से होटल चला रहे हैं।