रविवार को नगर निगम और सामाजिक संस्थाओं की ओर से आयोजित कजरी महोत्सव में पहुंचे श्रोताओं ने संगीत की इस विधा का खूब आनंद उठाया। संयोग से इस दौरान इंद्रदेव प्रसन्न हो गए और बारिश व की बूंदों ने भी अपनी थाप सुनाई।
उर्मिला श्रीवास्तव ने मां विंध्यवासिनी देवी की आराधना से शुरुआत की। उन्होंने रिमझिम बरसे बदरा समेत अन्य गीतों से समां बांध दिया। इससे पहले महापौर अशोक कुमार तिवारी ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि कजरी बनारस की पारंपरिक संगीत विधा है। इसे काशी की जनता की प्रेरणा से आगे बढ़ाया जा रहा है। कजरी महोत्सव में उप शास्त्रीय गायिका सुचरिता गुप्ता ने गायिकी शुरुआत की। उन्होंने कई गीत सुनाए। इसके बाद कोलकाता से आई शास्त्रीय गायिका मनाली बोस ने गीत सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उपशास्त्रीय गायिका सुचरिता गुप्ता के साथ तबले पर पं. कुबेरनाथ मिश्र, हारमोनियम पर पंकज मिश्र ने संगत दी। जबकि मनाली बोस के साथ भी तबला पर पं. कुबेरनाथ मिश्र और सारंगी पर विनायक सहाय ने संगत की। महोत्सव में एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, धर्मेंद्र राय, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष प्रदीप तुलस्यान, उद्यमी आरके चौधरी, अनुज डिडवानिया, प्रेम मिश्रा, अशोक अग्रवाल, मनीष कपूर आदि को सम्मानित किया गया।