विश्व हिन्दू परिषद, धर्म जागरण न्यास एवं वेद शिक्षा मन्दिर द्वारा श्रीराम जन्मभूमि के महानायक अशोक सिंहल की जयंती मनाई गयी, इस अवसर पर उपस्थित अतिथयों द्वारा वेद भगवान का पूजन किया गया तथा वेद सेवक सम्मान भी दिया गया। कार्यकम का प्रारम्भ अशोक सिंहल के चित्र पर मार्त्यापण तथा दीप प्रज्ज्वलन से हुआ तत्पश्चात् वेद भगवान का पूजन एवं अशोक सिंहल की अन्तिम इच्छा घर-घर पहुँचे वैदिक शिक्षा को साकार करने की दिशा में सतत् प्रयत्नशील स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी के अध्यक्ष एवं प्रमुख समाजसेवी कमल कुमार सिंह को वेद सेवक सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री हनुमान मन्दिर, ऋषिकेश के महन्त महामण्डलेश्वर रामेश्वर दास श्रीवैष्णव जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि अशोक सिंहल बचपन से धर्म योद्धा थे, वाराणसी में विद्यार्थी जीवन में काशी की गलियों में वेद ध्वनि सुना करते थे लेकिन धीरे-धीरे गिनती में वैदिक रह गये, इस बात की चिन्ता उन्हें सताने लगी और सन् 1983 में काशी को पुनः वेद नगरी की प्रतिष्ठा दिलानें के लिए गायघाट के डालमिया भवन में वेद शिक्षा मन्दिर की स्थापना की, उनके संकल्पों का परिणाम है कि आज 5000 से ज्यादा वेद पाठी और 200 से ज्यादा एकल एवं सामूहिक वेद विद्यालय काशी में है। आज हमें महापुरूष के जन्मदिवस पर काशी को पुनः वेद नगरी बनाने का संकल्प लेना चाहिए।
विशिष्ट अतिथि के रूप में शहर दक्षिणी के विधायक डा० नीलकण्ठ तिवारी ने कहा कि सिद्धपीठ श्री नृसिंह मठ से अशोक सिंहल का गहरा सम्बन्ध रहा है, वे सदैव काशी आने पर यहाँ अवश्य आते थे। उनका जीवन धर्म योद्धा के रूप में रहा है एक तरफ श्रीराम जन्म भूमि आन्दोलन में महानायक की भूमिका और दूसरी तरफ वेद के आधार पर भारत माँ को विश्व गुरू बनाने का संकल्प। ऐसे महापुरूष का जन्मदिवस सम्पूर्ण हिन्दू समाज के लिए प्रेरणा दिवस के रूप में है। कार्यक्रम का संचालन रविशंकर सिंह एवं धन्यवाद प्रकाश श्यामसुन्दर सिंह ने किया।