श्रीमद् भागवत कथा के दौरान महारास लीला व श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह प्रसंग पर झूमे भक्त

कथा व्यास पंडित प्रवीण पाण्डेय जी महाराज ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला द्वारा ही जीवात्मा का परमात्मा से मिलन हुआ।भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी के विवाह की झांकी ने सभी को खूब आनंदित किया। रुक्मणी विवाह के आयोजन ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस दौरान कथा मंडप में विवाह का प्रसंग आते ही चारों तरफ से  फूलों की बरसात होने लगा लोग झूमने लगे पंडाल में बैठी माताएं बहनें झूमने और नाचने लगी 

श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन की कथा प्रारंभ करते हुए कथा व्यास पंडित प्रवीण पाण्डेय जी महाराज ने भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला का वर्णन करते हुए बताया कि रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इस कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व सामथ्र्य के साथ आक्रमण किया लेकिन वह भगवान को पराजित नहीं कर पाया उसे ही परास्त होना पडा। रासलीला में जीव का शंका करना या काम को देखना ही पाप है। गोपी गीत पर बोलते हुए कथा व्यास ने कहा जब-जब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाते हैं। जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते है उसे दर्शन देते है। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणि के साथ संपन्न हुआ।श्रीकृष्ण-रुक्मणी पर जमकर फूलों की बरसात हुई। कथा व्यास पंडित प्रवीण जी महाराज ने भगवान शंकर का रासलीला में शामिल होने का विस्तार से वर्णन किया।



Post a Comment

Previous Post Next Post