वाराणसी के आंध्रा आश्रम के कमरे में मंगलवार को दो युवकों के शव मिलने से हड़कंप मच गया। युवकों का कमरा दो दिन से बंद था और दोनों ने आज तक के लिए रूम बुक कराया था। युवकों के शव कमरे में सड़ने लगे थे और बदबू आने के बाद आश्रम मैनेजर ने पुलिस को बुलाया। पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़ा तो युवकों के शव फंदे पर लटकते मिले।
पुलिस आश्रम से युवकों का डिटेल लेकर परिजनों से बातचीत कर रही है। भेलूपुर थाना क्षेत्र के आश्रम में युवकों के आने के बाद की गतिविधियों जानी, CCTV की फुटेज भी खंगाली जा रही है। हालांकि अभी पुलिस युवकों की मौत के कारण का पता लगा रही है।पुलिस दोनों के सुसाइड को कर्ज या पारिवारिक कारण मान रही है। उसके पास से मिली दवाइयों और सामान को सील कर दिया गया है। स्थानीय पुलिस के अलावा फोरेंसिक टीम भी पड़ताल कर रही है।
28 अगस्त को दोनों भाई आए थे वाराणसी
आंध्र प्रदेश के वेस्ट गोदावरी निवासी सगे भाई पी लक्ष्मी नारायण (32) और पी. लोक विनोद (34) 28 अगस्त को वाराणसी आए थे। काशी विश्वनाथ दर्शन के अलावा अन्य मंदिरों में भ्रमण का कार्यक्रम था। राम तारक आंध्रा आश्रम में पहुंचकर उन्होंने दस दिन के लिए आश्रम का कमरा बुक किया था। सेकेंड फ्लोर पर उन्हें रूम दिया।
आश्रम कर्मचारियों के अनुसार इन्होंने पिछले दिनों काशी विश्वनाथ समेत अन्य मंदिर में दर्शन किया और आश्रम में खाना भी खाया। 8 सितंबर को दोनों बाहर से लौटकर आश्रम में आए और दरवाजा बंद कर लिया। इसके बाद दोनों कमरे से बाहर नहीं निकले।
सोमवार को खाने के समय कमरे का दरवाजा खटखटाया गया लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। मंगलवार सुबह कमरे से बदबू आने पर खिड़की से झांकने का प्रयास किया। कमरे के अंदर युवकों को फंदे पर लटकता देखकर आश्रम संचालकों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने पहुंचकर जब दरवाजा खोला तो दोनों का शव रस्सी से लटका था।
एसीपी बोले- 2 दिन पुराना शव, परिजनों को दी गई सूचना
भेलूपुर एसीपी धनंजय मिश्रा ने बताया- शव लगभग दो दिन पुराना होने के चलते उसमें बदबू आने लगी है। दोनों के परिजनों से बातचीत हुई है, आत्महत्या की वजह पता करने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल शवों को कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवाया गया है। परिजनों के आने पर पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा।
इसी आश्रम में 10 महीने पहले आंध्र प्रदेश के दंपती ने 2 बेटों के साथ किया था सुसाइड
वाराणसी में 10 महीने पहले आंध्रा आश्रम में एक परिवार के 4 लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने वालों में पति, पत्नी और दो बेटे शामिल हैं। सभी आंध्र प्रदेश से काशी विश्वनाथ का दर्शन करने आए थे।
यह परिवार कैलाश भवन देवनाथपुर धर्मशाला की तीसरी मंजिल पर रुका था। कमरे में चारों के शव नायलॉन की रस्सी के सहारे लटके मिले। मरने वालों की पहचान पति लावणिया (45), पत्नी कोंडा (50), बेटा जय राज (23) और राजेश (25) के रूप में हुई थी।
चारों लोग 3 दिसंबर को आए थे, 6 दिसंबर को इनका चेक आउट था। इसमें मौत का कारण कर्ज बताया गया है। कमरे से एक सुसाइड नोट मिला था इसमें लिखा है कि वो लोग कर्ज से जूझ रहे थे और इसलिए आत्महत्या कर रहे हैं।