काशी की संस्कृति, मान्याताओं और परम्पराओं में विख्यात बाबा लाट भैरव के विवाहोत्सव का शुभारंभ रविवार की शाम तिलक के साथ प्रारम्भ हो चुका है। विवाह की शहनाई से पूर्व बाबा के ललाट पर रोली की लालिमा सुशोभित हो गयी है। श्री कपाल भैरव अथवा लाट भैरव प्रबंधक समिति के तत्वावधान में कज्जाकपुरा स्थित जानकी बाग से तिलक शोभायात्रा निकाली गयी।
समिति के अध्यक्ष रोहित जायसवाल ने मंदिर प्रांगण में बाबा श्री लाट भैरव का पंचोपचार पूजन किया। ततपश्चात समस्त तिलक सामग्रियों को विग्रह से स्पर्श कराया गया। परम्परानुसार छोटे-बड़े थालों परातों अन्य पात्रों में सजे पीला चावल, नवीन वस्त्राभूषण, नाना प्रकार के फल-फूल, मेवे-मिठाइयों, ताम्बूल, पान का बीड़ा, कारन आदि को भक्तों ने सर पर रखकर वाहन तक पहुँचाया। पैरों में महावर लगाए, हाथों में धर्मध्वजा लिए, हर-हर महादेव, लाट भैरव बाबा के जयजयकारों संग तिलक शोभायात्रा मुख्य मार्ग की ओर बढ़ा। शोभायात्रा में दशकों के पुराने साक्षी तिलकहरु पारम्परिक परिधान धोती-कुर्ते में खूब उत्साहित नजर आएं। तो वहीं हजारों की संख्या में उत्साही नौजवान डीजे के धुन पर मार्गपर्यंत जमकर थिरके। शोभायात्रा गाजे-बाजे के साथ क्रमशः जलालीपुरा, तेलियाना, हनुमान फाटक, बलुआबीर, अम्बियामण्डी, कतुआपुरा, जतनबर, भैरवनाथ होते हुए अपने गंतव्य स्थान विशेश्वरगंज स्थित संकट हरणी माँ शीतला माता मंदिर पहुँचा। जहां उपाध्यक्ष बसंत सिंह राठौर ने तिलकहरूओं का आवभागत किया। शीतला माता का विधिवत श्रृंगारादी किया गया था।
माता के आंगन में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिपूर्वक आचार्य रवींद्र त्रिपाठी के आचार्यत्व में अध्यक्ष रोहित जायसवाल ने तिलक चढ़ाया। रोली अक्षत के शुभ तिलक से बाबा के रजत मुखौटें का भाल दमक उठा। भंडारे में हजारों भक्तों ने पूड़ी, सब्जी, खीर का प्रसाद ग्रहण किया।सांस्कृतिक अयोजन में नृत्य संगीत का दौर देर रात्रि तक चलता रहा। सुरक्षा के दृष्टिगत कई थानों के फोर्स मंदिर से लेकर से शोभायात्रा मार्ग में तैनात की गयी थीं। इस दौरान समिति के पदाधिकारियों में प्रधानमंत्री छोटेलाल जायसवाल, कोषाध्यक्ष छोटन केशरी, मंत्री मुन्ना लाल यादव आदि शामिल रहे।