वाराणसी में बंगाल का गंगा क्रूज पहुंचा है। नमो घाट के नाविक ने इसे चारो तरफ से घेरकर विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि यह क्रूज काशी में संचालित करने के लिए लाया गया है, हम इसे यहां नहीं चलने देंगे साथ उनका कहना यह भी था की प्रधानमंत्री वाराणसी से चुनाव लड़ते है सदन में काशी का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन, काशी के लोगों के ही पेट पर लात मारते हैं। उन्होने बताया की अभी कुछ ही दिन पहले काशी विश्वनाथ के दरबार में चढ़ने वाले महाप्रसादम को बनाने का काम स्थानीय लोगों से छीनकर (गुजराती) कम्पनी को दे दिया गया। जिससे क़ई स्थानीय लोग बेरोजगारी का सामना कर रहे है।
लगातार काशी के साथ ऐसा दुर्व्यवहार क्यों किया जा रहा है? काशी की संपदा को दूसरे प्रदेश में स्थानांतरित करने की साज़िश क्यों की जा रही है? आखिर यहां के लोगों से इनका रोजगार क्यों छीना जा रहा है? क्या यहाँ के लोग भोजन नहीं करते? इन्हें रोटी, कपड़े और मकान की जरूरत नहीं पड़ती? अगर काशी के स्थानीय व्यापार में बड़े कारोबारियों का हस्तक्षेप नहीं थमेगा तो यहां के छोटे व्यापारी कहाँ जाएंगे? उनका गुजर-बसर कैसे होगा? मोदी जी! आपको काशीवासियों के इन सवालों का जवाब देना होगा।