लंका क्षेत्र के सिंह द्वारा पर विगत 500 सालों से चली आ रही विश्व प्रसिद्ध नक्कटैया का आयोजन हुआ, जो संकट मोचन फाउंडेशन की तरफ से किया जाता है। राजकुमार पांडे ने बताया नक्कटैया की जो लीला हैं। यह विगत 500 साल पुराना लीला है। इसके आयोजक संकट मोचन के महंत विशंभर नाथ मिश्रा हैं। हम लोग महंत जी के द्वारा इस रामलीला का मंचन करते हैं।
यह गोस्वामी तुलसीदास के द्वारा रचित रामचरितमानस की पांडुलिपियों हैं। इसका हम लोग प्रवचन करते हैं। उसके बाद रामलीला प्रारंभ हो जाती है। रामलीला में पहले धनुषयज्ञ होता हैं, उसके बाद लोलार्क कुंड पर कोप भवन की लीला होती है। उसके बाद यह लीला दुर्गाकुंड पर आता है, जहां की तीन-चार लिलाए के बाद लंका पर सीता हरण होता है।
उसके बाद लंका पर ही लंका दहन किया जाता हैं। जब भगवान राम 14 वर्ष तक वनवास गए थे। वह सारी लिलाए यहां पर की जाती है। लीला को देखने के लिए हजारों की संख्या में भीड़ होती है। हम प्रशासन का बहुत के शुक्रगुजार है, बहुत ही सुरक्षित व्यवस्था प्रशासन की तरफ से की गई हैं।