काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, भारत रत्न महामना पं० मदन मोहन मालवीय जी के प्रपौत्र एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति रहे, जस्टिस गिरिधर मालवीय जी का 88 वर्ष की अवस्था में दिनांक सोमवार को निधन हो गया। इस दुखःद समाचार से पूरा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिवार शोकाकुल है। उनका निधन न केवल उनके परिवार अपितु काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिवार के लिए एक व्यक्तिगत एवं अपूरणीय क्षति है।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के न केवल वे कुलाधिपति थे बल्कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एवं इसके संस्थापक महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी के बीच की एक जीवित कड़ी भी थे और इसी वजह से उनका लगाव विश्वविद्यालय से भावनात्मक एवं अप्रतिम था। कुलाधिपति के रूप में उन्होंने अपने कर्तव्यों का सम्यक निर्वहन करते हुए सदैव विश्वविद्यालय का कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन किया और इसके संस्थापक के पद चिन्हों पर आगे बढ़ने की प्रेरणा दी, जिससे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय विकास के नये आयाम प्राप्त करने में सफल रहा और विश्व में विश्वविद्यालय का मान-सम्मान बढ़ा।शोक की इस घड़ी में पूरा विश्वविद्यालय परिवार ने उनके सराहनीय योगदान को सदैव याद करते हुऐ उन्हे अपनी अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित किया तथा उनके परिवार के साथ इस दुख को साझा करते हुऐ विश्वविद्यालय परिवार ने ईश्वर से प्रार्थना की कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे एवं इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की हम सब को एवं उनके पूरे परिवार को आत्मिक शक्ति दे।