रविंद्रपुरी थाना भेलूपुर स्थित ओरियाना हॉस्पिटल में चिकित्सकों और मरीज के परिजनों में पैसे को लेकर विवाद का मामला सामने आया बताया जा रहा है कि ओरियाना हॉस्पिटल में एक अधिवक्ता संजय लालवानी का भतीजा काफी दिनों से भर्ती था जिसका अधिवक्ता संजय लालवानी ने समय से बिल चूकता किया और कई लाख रुपए हॉस्पिटल वालों ने इलाज के नाम पर लिया अधिवक्ता संजय लालवानी ने बताया कि हमें बाहर यही पैरासिटामोल की दवा 150 से 200 रुपए में मिलती है जिसका हॉस्पिटल में 1800 रुपए mrp पर चार्ज किया जाता रहा है कई और मुद्दों को भी अधिवक्ता संजय लालवानी ने उठाया और अपने बिल से कुछ पैसे कम करवाने के लिए डॉक्टरों से कहा परंतु ओरियाना हॉस्पिटल के डॉक्टर कुछ सुनने को तैयार नहीं थे ।
उनका कहना था कि जितने का बिल बना है उतना देना होगा अधिवक्ता द्वारा बार बार ये कहा जाता रहा कि बिल ज्यादा का बना है कई जांच ऐसी है जिसे बेवजह कई कई बार करवाया जाता रहा है दवा भी बिल ज्यादे का बने दवा पूरी नहीं आती रही इन्हीं बातों को लेकर अधिवक्ता डॉक्टर को बच्चे को डिसचार्ज करने और थोड़ा पैसा कम करने को कहते रहे लेकिन सभी डॉक्टर हॉस्पिटल से चले गए
जब अधिवक्ता संजय लालवानी हॉस्पिटल के मैनेजर से बात करने गए तो वो अधिवक्ता की सोने की चेन रखवा लिया इतने में वरिष्ठ अधिवक्ता मंगलेश दुबे और उनके साथ हॉस्पिटल पहुंचे अधिवक्ताओं ने जब यह देखा तो उन्होंने मैनेजर से आग्रह किया कि कुछ पैसे में छूट करा कर बच्चे को डिसचार्ज कर दें,परंतु तभी मैनेजर द्वारा डॉक्टर को फोन कर कहने लगा कि यहां मै अभी DM को बुलाऊंगा और सबकी गुंडा गर्दी खत्म करा दूंगा इतना सुनते ही वरिष्ठ अधिवक्ता मंगलेश दुबे और साथी अधिवक्ता भी गुस्से में आ गए और वे लोग वही DM को बुलाने की मांग करने लगे ,अपनी गलती और बात बिगड़ता देख मैनेजर ने पैसा जमा करवा कर बच्चे को डिसचार्ज किया । वही भेलूपुर थाना और दुर्गा कुंड चौकी से कई पुलिस कर्मी भी मौके की गंभीरता को देखते हुए हॉस्पिटल में डटे रहे ।