वर्मिस्ट टेम्पल (बौद्ध मठ) को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। मठ पर जबरन कब्जा करने और स्थानीय पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने से आहत पीड़िता प्रिया रांव अपने परिवार के साथ जिला मुख्यालय पर धरने पर बैठ गई हैं।
क्या है मामला?
प्रिया रांव, जो मलदहिया, वाराणसी की निवासी हैं, ने बताया कि 26 नवंबर 2024 को दोपहर 3 बजे, गोविंद, मण्डेला, सुरेश, केसरा, वॉल्का सहित कुछ अन्य लोगों ने उनके निवास स्थान वर्मिस्ट टेम्पल में जबरन घुसकर उनके कमरे का ताला तोड़ दिया। आरोप है कि इन लोगों ने उनका सामान बाहर फेंककर सफाई शुरू कर दी। जब प्रिया ने विरोध किया और बताया कि मठ का मामला न्यायालय में विचाराधीन है, तो आरोपियों ने उन्हें धमकियां दीं। उनका दावा है कि गोविंद की पत्नी ने झूठे मुकदमे में फंसाने और पुलिस का सहयोग मिलने की धमकी देते हुए कहा कि वे मठ पर कब्जा करके ही रहेंगे।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
पीड़िता का कहना है कि घटना की सूचना पुलिस को दी गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। 112 पर कॉल करने के बाद भी पुलिस ने आरोपियों को चौकी तक नहीं बुलाया। प्रिया का आरोप है कि ये सभी आरोपी एक गैंग के तौर पर काम कर रहे हैं, जिनमें कुछ विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं। ये पर्यटक वीजा पर भारत में रहकर मठ पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।
धरना देकर न्याय की मांग
पुलिस की कार्रवाई से निराश प्रिया और उनका परिवार अब जिला मुख्यालय पर धरने पर बैठ गए हैं। उन्होंने पुलिस और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
मठ की मालिकाना हक पर विवाद
प्रिया ने बताया कि मठ का मालिकाना हक शांति देवी के नाम है और इसका मामला अदालत में लंबित है। इसके बावजूद स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
जांच और कार्रवाई की मांग
पीड़ित परिवार ने उच्च अधिकारियों से अपील की है कि मठ पर कब्जा करने वाले आरोपियों और विदेशी पर्यटकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही, इस प्रकरण में पुलिस की भूमिका की भी जांच की जाए।