भारतीय नोटों पर हिंदी में हस्ताक्षर कर हिंदी को जन जन तक पहुंचाने वाले पद्मभूषण पं लक्ष्मीकांत झा की स्मृति में चौखंबा स्थित भारतेंदु भवन में हिन्दी दिवस समारोह का आयोजन किया गया
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर,अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत और जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल पद्मभूषण पं लक्ष्मीकांत झा (आईसीएस) के स्मृति में भारतेंदु भवन,चौखंबा में आयोजित हिन्दी दिवस समारोह काशी पत्रकार संघ के अध्यक्ष डा अत्रि भारद्वाज की अध्यक्षता में समपन्न हुआ।
हिन्दी दिवस समारोह में हिन्दी के उन्नयन के लिए प्रयासरत थियोसॉफिकल सोसायटी कमच्छा के पूर्व प्रधानाचार्य साहित्यकार डॉ महेंद्र तिवारी अलंकार ,सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मुरलीधर सिंह,महामंत्री सुरेन्द्रनाथ पाण्डेय और भारतेंदु हरिश्चन्द्र के वंशज दीपेशचन्द चौधरी को हिन्दी रत्न सम्मान से संस्था द्वारा सम्मानित किया गया| समारोह की अध्यक्षता करते हुए डॉ अत्रि भारद्वाज ने कहा की हिन्दी के उन्नायक पं लक्ष्मीकांत झा को हिन्दी के प्रति अगाध प्रेम था| सन् 1936 में पुरे विश्व में आईसीएस में प्रथम स्थान प्राप्त किया|वह एक महान अर्थशास्त्री थे, रिजर्व बैंक के अबतक के सबसे महान गवर्नर रहें। अपने जीवन काल में भारत के लगभग सभी प्रधानमंत्रीयों के आर्थिक सलाहकार रहे, 1967 से 1970 तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे। हिन्दी भाषा के लिए उनके दिल में अपार प्रेम रहा इसी का परिणाम था कि 2 अक्टूबर 1969 को महात्मा गाँधी के जन्म शताब्दी के अवसर पर भारतीय नोटों रुपये 2,5,10 और 100 को जारी कर भारतीय इतिहास में पहली बार हिन्दी में हस्ताक्षर कर राष्ट्र भाषा को जन जन के मन में प्रतिष्ठित कर दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के महामंत्री सुरेन्द्रनाथ पाण्डेय ने कहा की लन्दन स्कूल आफ इकोनॉमिक्स और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय जैसे पाश्चात्य शैली के विश्वविद्यालय में पढ़ने के बाद भी हिन्दी के प्रति उनका लगाव काबिलेतारीफ था । सच्चे अर्थ में लक्ष्मीकांत झा हिन्दी के माथे कि बिन्दी थे।
कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता गौतम कुमार झा ने किया तथा स्वागत दीपेशचन्द चौधरी ने और धन्यवाद ज्ञापन संस्था के अध्यक्ष एडवोकेट निरसन कुमार झा द्वारा किया गया|
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सुधीर चौधरी,मनोज मिश्रा, डॉ संजय अग्रवाल,नन्द कुमार सिंह,नटवर झा,भोगेन्द्र झा,राजेश गुप्ता आदि लोग उपस्थित थे|