भारत को हिन्दू राष्ट्र कैसे घोषित किया जाए इस पर विचार मंथन एवं कार्ययोजना बनाने के उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित दो दिवसीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का शुभारंभ शंखनाद, दीपप्रज्वलन एवं बेदमंत्रपठन से किया गया। हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सदगुरु (डॉ.) पिंगलेजी ने कहा कि पंथप्रचार की महत्वाकांक्षाएं रखनेवाली साम्राज्यवादी शक्तियां तथा धर्म को अफीम माननेवाली अर्बन नक्सलवादी शक्तियां, ये चुनौती के रूप में आज हमें दिख रही है। यद्यपि' डीप स्टेट' यह तीसरी अदृश्य धर्मविहीन शक्ति है, जो विश्व की बौद्धिक और आर्थिक शक्ति से सक्षम उद्यमियों द्वारा संचालित है। बर्तमान के सभी विभाजनकारी षड्यंत्र के पीछे डीप स्टेट है। इस लिए आनेवाले काल में डीप स्टेट ही हिंदू राष्ट्र के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती होगी जिसका सामना करने के लिए 'हिंदू इकोसिस्टम' का निर्माण आवश्यक है।
अखिल भारतीय विद्वत परिषद के राष्ट्रीय महासचिव आचार्य (डॉ.) कामेश्वर उपाध्याय ने बताया कि केवल भारत नहीं अपितु 15 और देश हिंदू राष्ट्र होने के मार्ग पर है। अग्निहोत्र करके ही हम कलि से रक्षा के लिए बल निर्माण कर सकते हैं।इस अधिवेशन में वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा, कालभैरव मंदिर के महंत पंडित अजीत मिश्रा, भारत सेवाश्रम संघ के स्वामी ब्रम्हमयानंद, नेपाल के विश्व हिन्दू महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंकर खराल, हिन्दू ओटीटी प्लॅटफॉर्म 'प्राच्यम' के संस्थापक प्रवीण चतुर्वेदी, सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस आदि अनेक मान्यवर उपस्थित थे ।