भारतीय रेल के वर्ष 1988 बैच आई.आर.एस.ई.ई. के अनुभवी अधिकारी एवं आई.आई.टी, रुड़की, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग वर्ष 1987 के पूर्व छात्र श्री नरेश पाल सिंह ने रेलवे के कई प्रमुख पदों पर अपनी सेवा देते हुए असाधारण उपलब्धियां हासिल की है। अपने लंबे करियर में मध्य रेलवे के मंडलों में विभिन्न क्षमताओं जैसे लोको शेड, लोको ऑपरेशन, ट्रैक्शन डिस्ट्रीब्यूशन, सामान्य सेवाएं आदि में कार्य किया है।
उन्होंने मध्य रेलवे में मुख्य विद्युत इंजीनियर, रोलिंग स्टॉक, अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक, संचालन, मुंबई के रूप में भी उल्लेखनीय सेवा प्रदान की है। साथ ही, एमआरवीसी में मुख्य विद्युत इंजीनियर, परियोजना के रूप में भी कार्य किया । बरेका में कार्य भार ग्रहण करने से पूर्व, वे मध्य रेलवे, मुंबई में प्रधान मुख्य विद्युत इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे।
नरेश पाल सिंह को मध्य रेलवे में अपने कार्यकाल के दौरान इलेक्ट्रिकल, डीजल रोलिंग स्टॉक, ट्रैक्शन डिस्ट्रीब्यूशन एवं सामान्य सेवा परिसंपत्तियों के रख रखाव तथा संचालन का व्यापक अनुभव है । उन्होंने अपने नेतृत्व में कई अभिनव परियोजनों को शुरू किया, जिनमें उन्होंने मध्य रेलवे में ट्रैक्शन पावर के लिए 10 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट एवं 20x4 मेगावाट की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम शामिल है। इसके अतिरिक्त इनके सफलतापूर्वक नेतृत्व में एक प्रमुख परियोजना 2x25kV ट्रैक्शन सिस्टम में ओ.एच.ई. मास्ट पर ऑप्टिकल फाइबर ग्राउंड वायर (ओ.पी.जी.डब्ल्यू.) के साथ एरियल अर्थ कंडक्टर को बदलने का कार्य प्रगति पर है, जो कि कवच और एस एण्ड टी सिग्नल आवश्यकताओं के लिए विश्वसनीय संचार पथ प्रदान करेगा, साथ ही गैर-किराया राजस्व और अतिरिक्त ऑप्टिक फाइबर कोर के माध्यम से विश्वशनीय संचार में वृद्धि होगी।