36 दिन में 36 राज्यों में गौध्वज प्रतिष्ठित कर काशी पधारे ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती जी महाराज का काशी में रहने वाले 36 राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपने अपने पारंपरिक परिधान,राजकीय चिन्ह व गौध्वज के साथ अद्भुत स्वागत व अभिनंदन किया।
भारी संख्या में उपस्थित सन्तों,भक्तों व काशीवासियों ने जोरदार ढंग से पुष्पवर्षा,आतिशबाजी के साथ जयघोष करते हुए शंकराचार्य जी को पालकी में आरूढ़ कराकर क्षेत्र में सवारी निकाली।शंकराचार्य जी के निकली सवारी के दौरान क्षेत्रवासी प्रफुल्लित होकर अभिनंदन व वंदन कर रहे थे।
उक्त जानकारी देते हुए मीडिया प्रभारी सजंय पाण्डेय जी ने बताया कि शंकराचार्य जी महाराज के आगमन से सन्तों भक्तों में असीम ऊर्जा की लहर दौड़ गई।श्रीविद्यामठ को फूलों व हजारों दीपक से सजाया गया था।श्रीविद्यामठ पहुचने पर सर्वप्रथम संतोष चौबे व चांदनी चौबे ने वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य शंकराचार्य जी महाराज के चरणपादुका का पूजन किया।श्रीविद्यामठ में उपस्थित देश विदेश से आए भक्तों ने शंकराचार्य जी महाराज को 56 भोग समर्पित कर सामूहिक रूप से आरती उतारी।साध्वी पूर्णाम्बा द्वारा रचित गीत जगद्गुरु बिरुदावली गान का लोकार्पण श्रीविद्यामठ में ज्योतिर्मठ के शङ्कराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती महाराज के कर-कमलों से हुआ।समस्त कार्यक्रम के दौरान गौसांसद साध्वी पूर्णाम्बा,शारदाम्बा,ब्रम्ह्चारी मुकुंदानंद,ब्रम्ह्चारी परमात्मानंद,संजय पाण्डेय,राजनाथ तिवारी विशालाक्षी मन्दिर महन्त सहित भारी संख्या में सन्त व भक्त उपस्थित थे।