भूतपूर्व प्रधानमंत्री रहे कवि सम्राट, भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी के शताब्दी जयंती एवं भारतरत्न महामना मदन मोहन मालवीय के 163 वीं जयंती पर बुधवार को डीएवी पीजी कॉलेज में भव्य कवि सम्मेलन एवं विद्वत गोष्ठी का आयोजन किया गया। कॉलेज के स्व. पी.एन. सिंह यादव स्मृति सभागार में कवियों ने काव्यपाठ के जरिये दोनों महापुरुषों का पुण्य स्मरण किया। वरिष्ठ कवि पण्डित सुदामा तिवारी 'सांड बनारसी' ने अपनी कविताओं से अटल जी की स्मृतियों को नमन किया। कवि एवं शायर सलीम शिवालवी ने खूब वाहवाही लूटी। डॉ. प्रशांत सिंह समर गाजीपुरी डॉक्टर ओमप्रकाश कुमार युवा कवि सौरभ त्रिपाठी आदि ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की।
इसके पूर्व मुख्य अतिथि शहर दक्षिणी के विधायक डॉ. नीलकण्ठ तिवारी ने कहा कि महामना और वाजपेयी दोनों ही व्यक्तित्व युगदृष्टा के रूप में स्मरण किये जाते रहेंगे। महामना ने विश्वविद्यालय की स्थापना की तो ज्ञान की कोई विधा उनसे अछूती नही रही, उसी तरह अटल बिहारी वाजपेयी ने दशकों पहले स्वर्णिम भारत के सपने को साकार करने की बुनियाद डाल दी थी। विशिष्ट अतिथि महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य प्रो. मिश्रीलाल ने कहा कि दोनों महापुरुष भारत राष्ट्र के स्वाभिमान के प्रतीक थे, जिन्होंने राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के मंत्री/प्रबंधक अजीत कुमार सिंह यादव ने किया। इसके पूर्व संध्या का शुभारंभ डॉ. नीलकण्ठ तिवारी, अजीत कुमार सिंह यादव, डॉ. ब्रजभूषण ओझा, पण्डित दीपक मालवीय, प्रो. मिश्रीलाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। विषय स्थापना डॉ. रमेन्द्र सिंह, संचालन डॉ. विजय यादव एवं डॉ. नीलम सिंह तथा काव्यगोष्ठी का संचालन दमदार बनारसी ने किया।इस मौके पर उपाचार्य प्रो. संगीता जैन, डॉ. हबीबुल्लाह, प्रो. ऋचारानी यादव, प्रो. विजय नाथ दुबे, प्रो.संजय कुमार साह सहित विभिन्न विभागों के प्राध्यापक एवं कर्मचारियों सहित बड़ी संख्या में भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी शामिल रहे।