वाराणसी में भी मौसम ने अब करवट लेनी शुरू कर दी है शहर से लेकर गांव तक कोहरे ने पूरी तरह से दस्तक भी दे दी है और रात में काफी ठंड पड़ने लगी है वाराणसी में 84 घाटों पर पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए भी ठंड की वजह से निकलना भी घाटों पर दुभर हो गया है रात्रि 10:00 के बाद शहर में और गांव में सन्नाटा पसरा हुआ नजर आ रहा है वहीं पर वाराणसी में भी नगर निगम और जिला प्रशासन के दावे फेल होते हुए नजर आ रहे हैं ना शहर में अलाव की व्यवस्था है और ना रैन बसेरों की सिर्फ नगर निगम बड़े-बड़े दावे करता है वहीं पर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा घाटों पर लोग गंगा आरती वाले स्थल पर एवं घाट पर पडी चौकिया पर सोने के लिए मजबूर हैं शहर में ना गलियों में और ना ही चौराहों पर अलाव की कोई व्यवस्था है।
इस संदर्भ में कमलाकांत ने बताया कि प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र होते हुए भी समस्या सबसे बड़ी अलाव की हो रही है नगर निगम द्वारा अलाव की व्यवस्था नहीं की जा रही है ठंड से यात्री चालक सभी लोग परेशान हैं यहां तक की दशाश्वमेध, गोदौलिया, चौक क्षेत्र में यात्री आ रहे हैं बाबा के दर्शन करने के लिए लेकिन यात्रियों के लिए कोई अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है रैन बसेरों की कुछ जगह व्यवस्था तो की गई लेकिन अलाव की व्यवस्था हर चौराहों पर होनी चाहिए हर जगह होनी चाहिए लेकिन घाट पर कोई व्यवस्था नहीं है।