वाद्य वृन्द पर चार विधाओं के 11 कलाकारों ने जब मंच से एक साथ राग भीमपलासी में तान छेड़ी तो हर कोई सिर्फ वाह वाह ही करता नजर आया। अवसर था ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में श्री ठाकुर राधामाधव लाल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित भारतीय शास्त्रीय संगीत वाद्य वृन्द निशा का। वृंदावन से पधारे राधारमण मंदिर के पीठाधीश्वर आलोक कृष्ण गोस्वामी जी महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित संगीत संध्या में कलाकारों ने एक से एक प्रस्तुतियो से समूचे प्रांगण को झंकृत कर दिया।
गुरु पण्डित सिद्धार्थ रॉय चौधरी के निर्देशन में सरोद, सितार, गिटार एवं तबले के कलाकारों ने ताल कचहरी में सबसे पहले राग शांति शुद्ध कल्याण पर आधारित झप ताल में बंदिश की प्रस्तुति दी। उसके उपरांत राग दरबारी कन्नडा पर आधारित धुन सुनाई तो कोठी तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
उसके बाद राग हंसध्वनि तत्पश्चात गिटार पर रामधुन की मंत्रमुग्ध कर देने वाली धुन निकाली। अंत मे राग माला में कहरवा ताल में जर्नी ऑफ जॉय की प्रस्तुति से निशा का समापन हुआ। कलाकारों में सरोद पर सुप्रिया गोस्वामी, पल्लवी नन्दी, सुवनकर, महित मित्रा, सितार पर सिद्धार्थ मुखर्जी, प्रबाहन सुर, सार्थक करमारकर, गिटार पर धनिष्ठा गौतम एवं तबले पर स्वर्णा करमारकर, अविक गोस्वामी ने प्रस्तुति दी।कलाकारों का समादर ट्रस्ट के अध्यक्ष शचि कुमार साह ने किया। संचालन हरिनारायण सारडा एवं धन्यवाद कौस्तुभ साह ने दिया।