रात 12:00 बजते ही प्रभु यीशु का हुआ जन्म, चर्चों में गूंजे कैरोल गीत, प्रभु यीशु के जीवन से जुड़ी झांकियां रही आकर्षण का केंद्र

रात 12 बजते ही प्रभु यीशु के जन्मोत्सव का उल्लास छा गया। चर्चों की घंटियां बजते ही कैरोल गूंज उठे। गिरजाघरों से लेकर मसीही घरों में प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में केक कटे । मेरी क्रिसमस..., जिंगल बेल... जैसे गीत फिजा में गूंज उठे। छावनी स्थित महागिरजा में प्रभु की चरनी में जन्म की झांकी सजाई गई। यहां बिशप फादर यूजीन जोसेफ ने 70 किलो का केक काटा।

बिशप ने बाइबिल का पाठ कर दुनिया में शांति और खुशहाली के लिए प्रार्थना की। बुधवार को गिरजाघरों में प्रार्थना सभा हुई। महागिरजा परिसर में तीन दिवसीय क्रिसमस मेला शुरू हो गया। उधर, मंगलवार की रात 12 बजने से पहले महागिरजा में लोग प्रभु की आराधना के लिए पहुंच गए थे। रात 10:30 बजे से बाइबिल पाठ के जरिये प्रभु यीशु के जन्म, उनके जीवन चरित्र और उनकी महिमा का गान हुआ। पुरोहितों ने मीसा पूजा के साथ पाप की माफी, पाठ व प्रवचन के बाद रोटी व दाखरस पर प्रार्थना हुई। रात 12 बजे के बाद प्रभु यीशु के जन्म के बाद चरनी में रखे प्रभु के बाल स्वरूप को छूने के लिए होड़ मची रही।

इसी कड़ी में गिरजाघर चौराहे पर सेंट थॉमस चर्च में क्रिसमस के अवसर पर प्रभु यीशु मसीह के जन्म दिवस पर झांकी सजाई गई। इस दौरान कोरल गीत गूंज उठे। 24 दिसंबर को रात 12 बजते ही प्रभु यीशु के जन्मोत्सव का उल्लास छा गया। चर्चों की घंटियां बजते ही कैरोल गूंज उठे। लोगों में काफी उत्साह देखा गया। लोग एक दूसरे को बधाई देते हुए नजर आए। 





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