विश्व हिंदू महासंघ तले भगवान श्रीराम चन्द्र जी की भव्य शोभा यात्रा मलदहिया चौराहे से निकली गई जो लहुराबीर, चेतगंज, बेनिया, नई सड़क, गिरजाघर, होते हुए दशाश्वमेध घाट पहुंच कर समाप्त हुई। काशी संभाग प्रभारी और कार्यक्रम के संयोजक मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि गत वर्ष निकली भव्य श्रीराम शोभा यात्रा भारत की पहली भव्य और ऐतिहासिक यात्रा थी जो मोदी जी के संसदीय क्षेत्र से अयोध्या में श्रीराम लला के राम मंदिर में विराजमान होने के उपलक्ष्य में निकली थी जिसमें चार हजार से ज्यादा सनातनी हिंदुओं ने बढ़चढ़ कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित की और श्रीराम मंदिर के बनने के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में इस वर्ष भी भव्य श्रीराम शोभा यात्रा निकाली गई है जिसकी अगुआई में दो श्वेत अश्व आगे शोभायमान रहे। जिनके पीछे रथ पर श्रीराम जी और कई मंदिरों के महंत विराजमान रहें साथ ही डमरू दल , बटुक दल, नगाड़ा, शहनाई, ढोल इत्यादि रहें जिसपर राम भक्त जयकारा लगाते, प्रभु श्रीराम के गान पर थिरकने के लिए काफी उत्साहित रहे ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भिखारी प्रजापतिऔर अतिथि के रूप में कायस्थ पाठशाला ट्रस्ट प्रयागराज के अध्यक्ष डॉक्टर सुशील कुमार सिन्हा ने शिरकत की। श्रीराम शोभायात्रा में सबसे बड़ा आकर्षण भगवान श्रीराम की मूरत , प्रयागराज के बजरंगी और राम जन्म योगी का शंखनाद रहा।
साथ ही प्रयागराज महाकुंभ से आए हुए त्रिवेणी संगम मां गंगा का अमृत कलश , बंगाली कन्याएं शंखनाद करते हुए, गोरक्षपीठाधीश्वर श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज , ब्रह्मलीन संत श्री अवैद्यनाथ जी महाराज , इत्यादि के कट आउट भी श्रीराम शोभा यात्रा में आकर्षण का केंद्र रहे।