अस्पताल द्वारा जमीन कब्जा किए जाने का आरोप लगाते हुए वाराणसी के चौबेपुर थाना अंतर्गत रजवाड़ी गांव के निवासी चार भाइयों ने न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि रोजी-रोटी के सिलसिले में हम चार भाई और उनके परिवार देश के अलग-अलग कोने में रहते हैं। वर्ष 1982 में हमारे स्वर्गीय पिताजी संकठा सिंह एवं स्वर्गीय माता सूर्या देवी ने वाराणसी के सिगरा थाना अंतर्गत छित्तूपुर इलाके में जमीन क्रय किया था. उन लोगों के स्वर्गवासी हो जाने के उपरांत यह जमीन, उत्तर प्रदेश राजस्व विभाग में खसरा और खतौनी में हम लोगों के नाम पर दर्ज हो गई और भूलेख पोर्टल पर भी सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हो गई।
जमीन का खसरा, प्रमाणित खतौनी और ओरिजिनल रजिस्ट्री हमारे पास है। इस प्लॉट के ठीक बगल में स्थित, मिडवे अस्पताल द्वारा, हमारी ज़मीन पर अवैध रूप से कब्जा किया जा रहा है। इस निजी अस्पताल के संचालक, डॉ. विजय पति द्विवेदी वर्तमान में बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी हैं. हम चारों भाई पिछले 5 फरवरी 2025 से लगातार परेशान हैं. इसके बाद पहले परिवार में सबसे बड़े भाई, दिनेश प्रताप सिंह ने 6 फरवरी को सिगरा थाने में अपनी जमीन और खतौनी की कॉपी जो प्रथम दृष्टि में हमारे पास उपलब्ध थी, सिगरा थानाध्यक्ष बृजेश कुमार मिश्रा और उनके दीवान को दी। पर उस दिन भी डॉक्टर का काम नहीं बंद हुआ । तत्पश्चात 8 फरवरी को दिनेश प्रताप सिंह ने सिगरा थाना में थाना दिवस पर लिखित तहरीर देकर दोबारा सूचित किया। थाने के रजिस्टर में एंट्री तो हुई मगर कोई कार्यवाही नहीं हुई। हम न्याय के लिए गए थे मगर थाने द्वारा हमें 112 पर कॉल करने की राय दी गई। दिनेश कुमार सिंह ने 112 को कॉल किया पुलिस दल मौके पर आई और डॉक्टर को बुलाकर काम भी रुकवाया और आगे से 40 फुट काम न करने की हिदायत दी, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग हमारे पास मौजूद है। तत्पश्चात दिनेश प्रताप सिंह अपने एक रिश्तेदार के साथ, सिगरा थाने की विद्यापीठ चौकी पर पहुंचे। वहां पर डॉक्टर साहब ने कहा कि मैं काम नहीं रोकूंगा, पुलिस की उपस्थिति में ही हम लोगों को ललकारते हुए कहा कि आप कोर्ट जाइए, वहां से स्टे लेकर आइए।
हमारे जमीन पर अवैध कब्जे को रोकने की एक्स पोस्ट की कॉपी और पुलिस को बार बार कॉल की रिकार्डिंग मौजूद है।
हमारी माँग है कि प्रशासन की जाँच रिपोर्ट के आते ही, इसी रिपोर्ट के आधार पर ना केवल हमारी जमीन हमें तुरंत लौटाई जाये, बल्कि उक्त मिडवे अस्पताल के मालिक डॉ. विजय पति द्विवेदी को हथकड़ी लगा कर जेल भेजा जाये।