काशी में नागा साधु संतों ने कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को बेनियाबाग से दशाश्वमेध घाट तक पेशवाई निकाली। काशी में ऐसे अदभुत नजारे को देखने लोगो की भीड़ रही। पेशवाई में शामिल श्री रमता पंच दशनाम आवाहन अखाड़े से जुड़े नागा संतों के स्वागत के लिए मार्ग में काशीवासियों की कतार जुटी रही। चारों ओर से हर-हर महादेव के उद्घोष हुआ और नागा संतों पर पुष्प वर्षा हुई। पेशवाई में शामिल नागा संत शरीर पर चिता भस्म लगा कर अपनी जटाओं को लहराते हुए बैंडबाजा, डमरू, नगाड़ा आदि वाद्य यंत्रों की धुन पर भाला, तलवार, त्रिशूल, गदा से करतब दिखाते चले रहे थे। नागा साधुओं ने दशाश्वमेध घाट पहुंचकर गंगा में डुबकी लगाई।
दशाश्वमेध घाट पर बड़ी संख्या में नागा साधु संतो का रेला पहुंचा। पालकी ले कर पहुंचे साधुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। उन्हें स्नान में किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए जल पुलिस द्वारा व्यापक इंतजाम किए गए थे। नौकाओं को 10 मीटर दूर बांधने को कहा गया। इसके अलावा मंदिर जाने वाले लोगों को भी लाइन लग कर ही दर्शन करने को कहा गया। वही आवाहन पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर अवधूत बाबा ने कहा- सनातन धर्म यह सिखाता है कि हर व्यक्ति को 2 पेड़ लगाने चाहिए, जिसमें एक पेड़ अंतिम संस्कार के लिए और दूसरा पीपल का पेड़ ऑक्सीजन के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा महाकुंभ भव्य और दिव्य रहा। वही इस दौरान इस अदभुत दृश्य को लोग अपने कैमरे में कैद करते नजर आए।