केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। सरकार ने कहा है कि आपराधिक मामलों में दोषी नेताओं को आजीवन चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करना उचित नहीं है। केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा है कि यह सवाल कि आजीवन प्रतिबंध लगाना उपयुक्त होगा या नहीं, यह पूरी तरह से संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है।
केंद्र सरकार ने यह हलफनामा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा-8 और 9 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका के जवाब में दाखिल किया है। सरकार ने कहा है कि अयोग्यता की अवधि एक ऐसा मामला है जो पूरी तरह से विधायी नीति के दायरे में आता है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि दंड के संचालन को उचित अवधि तक सीमित करके, अनावश्यक कठोर कार्रवाई से बचने के साथ-साथ निवारण सुनिश्चित किया गया है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
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