चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वर्ष प्रतिपदा उत्सव के रूप में मनाता है। यह उत्सव भारत की एकात्मता के जगने को अनुभव करने का पर्व है। उक्त बातें रविवार को संघ के वर्ष प्रतिपदा उत्सव पर आयोजित आद्य सरसंघचालक प्रणाम कार्यक्रम में प्रांत प्रचारक रमेश कुमार ने कही।संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आज के दिन 5127 वर्ष पूर्व धर्मराज युधिष्ठिर का राज्यारोहण हुआ था जिसे आज हम युगाब्द संवत के रूप में जानते हैं।
2082 वर्ष पूर्व विक्रमादित्य ने विक्रम संवत का प्रारंभकिया था। सनातन समाज में उत्सव अपने पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता का अनुभव करने का अवसर होता है। इस दौरान स्वयंसेवकों ने गणवेश में पथसंचलन किया। पथ संचालन संस्कृत विवि से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गों से होता पुनः विवि पहुंचा। मार्ग में. विभिन्न स्थानों पर नागरिकों ने स्वयंसेवकों पर पुष्प वर्षा की।