शास्त्रीय नाट्य लेखन के अद्वितीय सर्जक जयशंकर प्रसाद को विश्व रंगमंच दिवस पर पूर्वांचल के उदीयमान रंगधर्मियों ने नाट्यांजलि अर्पित की। इसके लिए प्रसाद के कालजयी नाटक 'जन्मेजय का नाग यज्ञ' को चुना गया। पौराणिक घटनाक्रम पर आधारित यह नाटक महाभारत के खांडव प्रदेश और नागों के प्रतिशोध पर केंद्रित है।
जयशंकर प्रसाद ट्रस्ट और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली की ओर से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में, आयोजित माहव्यापी कार्यशाला के तहत तैयार नाटक का मंचन गुरुवार को कबीरचौरा स्थित नागरी नाटक मंडली के प्रेक्षागृह में किया गया। आरंभ में जयशंकर प्रसाद की प्रपौत्री कविता प्रसाद ने आगतों का स्वागत किया। प्रेक्षागृह की अतिथि दीर्घा में वरिष्ठ रंगकर्मी राजेंद्र उपाध्याय, नरेंद्र आचार्य, सुमन पाठक, कुसुम मिश्रा, आदि रहे।
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