काशी हिंदू विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय पर अनियमितता पूर्ण शोध प्रवेश को लेकर छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय का मुख्य द्वार बंद कर विरोध प्रदर्शन किया।मामला सामाजिक विज्ञान संकाय के सामाजिक समावेशन नीति अध्ययन केंद्र का है जिसमें मुख्य विषय सोशल इनक्लूजन या सब लैटर्न स्टडीज ही था और इसी विषय से एमफिल भी किया है। ऐसे में सब लैटर्न विषय से रेट एंग्जंप्टेड कैटेगिरी और मेन डिसिप्लीन में पीएचडी इंटरव्यू होगा। यानी कि उसे सीधा इंटरव्यू देने का मौका मिलेगा, लेकिन इस सीट पर कई एलाइड विषयों के भी आवेदकों ने मेन डिसिप्लीन में इंटरव्यू दे दिया, जबकि तय हुआ था कि ऐसा नहीं किया जाएगा, जिसके लिए छात्रों ने एक महीने पूर्व विश्वविद्यालय के सक्षम अधिकारियों को पत्रक के माध्यम से न्याय की मांग के साथ शोध प्रवेश पूरा करने की मांग की की थी, अभी तक कोई सही जवाब ना मिलने पर छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय पर अपना विरोध के साथ मांग रखते हुए, मांग पूरी ना होने पर आंदोलन जारी रखने की बात कही ।
धरने पर बैठे छात्रों ने आरोप लगाया है कि सबाल्टर्न स्ट्डीज पीएचडी इंटरव्यू में धांधली हुआ है। छात्रों ने कहा एलायड विषय को मेन डिसिप्लिन में इंटरव्यू कराया गया जो विश्वविद्यालय के नियम के विरुद्ध है। छात्रों को समझने के लिए डीन ऑफ स्टूडेंट (छात्र अधिष्ठाता)भी मौके पर पहुंचे लेकिन छात्रों ने कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी तब तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।पल्लव ने कहा - विश्वविद्यालय को शोध के विषय में बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने गलत फैसला लेकर एडमिशन को शुरू कराया है। उन्होंने बताया कि जो लीगल प्रोसेस है उसको ध्यान में रखते हुए एडमिशन नहीं कराया गया। उन्होंने कहा कि मास्टर डिग्री हमेशा प्राथमिकता में रखी जाती है और यदि कोई व्यक्ति जिस सब्जेक्ट से मास्टर करता है उसे पीएचडी में बरियता मिलती है।