वसंत कन्या महाविद्यालय के हिंदी विभाग एवं अंतर्राष्ट्रीय वैचारिकी समिति द्वारा अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न

वसंत कन्या महाविद्यालय के हिंदी विभाग एवं अंतरराष्ट्रीय वैचारिकी समिति द्वारा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी विषय 'हिंदी की वैश्विक स्थिति' का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में स्वागत वक्तव्य प्राचार्या प्रोफेसर रचना श्रीवास्तव ने दिया उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुरु की स्थिति में वापस आ रहा है भारत ही नहीं विश्व में हिंदी की स्थिति पर विचार विमर्श करना बहुत अच्छा है।प्रबंधिका उमा भट्टाचार्य ने कहा कि यह आयोजन बहुत ही सुंदर किया गया है ।आप सभी को बहुत सारी शुभकामनाएं ।छात्राओं ने हिंदी भाषा का सुंदर वातावरण बनाया है ।विश्व पटल पर हिंदी को स्थान दिलाना है।

 

अध्यक्ष  प्रोफेसर आनंद वर्धन शर्मा ( डायरेक्टर यू.जी.सी ,एम.एम.टी.टी .सी  -काशी हिंदू विश्वविद्यालय )ने कहा कि हिंदी की वैश्विक स्थिति और प्रवासी हिंदी साहित्य विषय पर आयोजित यह कार्यक्रम बहुत ही सफल रहा आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद। हम सबको ऐसे ही जोड़कर हिंदी के विकास और प्रचार प्रसार पर कार्य करते रहना चाहिए। मुख्य अतिथि श्री अशोक ओझा ने कहा कि हिंदी शिक्षा को बढ़ावा देना होगा ।हिंदी शिक्षण पुस्तकालय तक सीमित न होकर समाज में आना चाहिए। छात्राओं से संवाद किया। विदेश में हिंदी भाषा में रोजगार के अवसर पर बात की।सारस्वत अतिथि शैल अग्रवाल (प्रवासी साहित्यकार ,यूनाइटेड किंगडम) ने कहा कि वसंत कन्या महाविद्यालय की पुरा छात्रा रही है और अपने पुराने स्मृतियों को याद किया। उन्होंने कहा कि भारत में हिंदी की स्थिति को सुधारना होगा। संस्कृति से भाषा लुप्त ना हो जाए इस पर विचार विमर्श करना होगा। भाषा राष्ट्र का चेहरा होती है यदि हम अपने चेहरे को सजा संवार कर नहीं रखेंगे तो छवि खराब होगी। भाषा और लिपि को सुरक्षित करना अति आवश्यक है।विशिष्ट अतिथि गैब्रिएला निकोलावा ईलेवा रही ।उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि अंग्रेजी को बाहर प्राथमिकता दी जाती है लेकिन हम अपने घर में अपनी मातृभाषा का ही प्रयोग करना चाहिए। हिंदी के विषय में सोचना है तो पहले हिंदी के अध्यापक के विषय में सोचना होगा। उन्होंने तीन 'स' समुदाय,  सामानता, संबंध के विषय में बात की। भाषा संस्कृति के बिना नहीं पढ़ाई जा सकती है। हर एक परंपरा की जड़े प्राचीन समय में मिलती हैं ।बच्चों को हिंदी पढ़ने के प्रति उत्साहित करना चाहिए।प्रसिद्ध साहित्यकार प्रोफेसर उषा शर्मा ने अपने अनुभव साझा किये।कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के कुलगीत से हुआ। मां वसंत (डॉक्टर एनी बेसेंट)के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। 'विश्व पटल पर छाई हिंदी ' जिसकी शब्द रचना प्रोफेसर आशा यादव ने की है।इस गीत का काव्य गायन संगीत विभाग की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया। संगीत विभाग की अध्यक्षा प्रोफेसर सीमा वर्मा ने गीत निर्देशन किया। सहयोग डाॅक्टर पूनम वर्मा ने किया।हारमोनियम पर विनीता गुजराती और तबले पर संगत किया सौम्य कांति मुखर्जी ने ।

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