अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर तेजस्विनी महिला प्रकोष्ठ आर्य महिला पी.जी कॉलेज वाराणसी तथा राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में "आदर्श की गाथा सीता एवं अहिल्याबाई होल्कर" विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, इस अवसर पर विशिष्ट वक्ता के रूप में प्रो. नरेंद्र राय, राम मनोहर लोहिया पी.जी कॉलेज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि"माता सीता और अहिल्याबाई होल्कर दोनों ही नारियां भारतीय संस्कृति की मूर्तिमान प्रतीक थीं कितनी ही आपत्तियों और कसौटियों की प्रसंग तेजस्विनियों पर आए लेकिन उन सब का वे धैर्य से मुकाबला कर धर्म को संभालते हुए उन्होंने राज्य का संसार सुरक्षित रखा भारतीय संस्कृति जब तक जागृत रहेगी माता सीता और अहिल्याबाई के चरित्र से हमें प्रेरणा मिलती रहेगी।
मुख्य वक्ता प्रो. आनंद वर्धन शर्मा अकादमी स्टाफ कॉलेज बी. एच.यू.वाराणसी ने इस अवसर पर कहा कि समाज में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है चाहे वह समाज निर्माण के क्षेत्र में हो या युद्ध में शस्त्र उठाने के लिए, भारतीय इतिहास में अनेक ऐसी नारियां हुई है जिन्होंने अपने कालखंड में राष्ट्र निर्माण की ज्वाला को जलाए रखा हमारी संस्कृति में देवताओं के नाम से पूर्व देवियों का नाम आता है जिसमे यह पता चलता है कि भारतीय संस्कृति में नारी का स्थान पुरुष में पहले है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध कथावाचक रविंद्र पाठक उपस्थित थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. शशिकांत दीक्षित, संरक्षक आर्य महिला पी.जी कॉलेज ने तथा अतिथियों का स्वागत प्राचार्या प्रो. रचना दुबे ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिधियों के द्वारा दीप प्रज्जवलन तथा महापुरुयों के तैल चित्र पर माल्यार्पण से हुआ, कार्यक्रम का संचालन प्रो. सुचिता त्रिपाठी तथा धन्यवाद ज्ञापन प्रो. जया मिश्रा ने किया इस अवसर पर महाविद्यालय की सभी शिक्षिकाएं तथा छात्राओं की उपस्थिति रही।