बीएचयू ज्योतिष विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन का हुआ उद्घाटन

ज्योतिष विभाग, संस्कृतविद्या धर्मविज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आयोजित त्रिदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय ज्योतिष सम्मेलन का उद्घाटन सत्र देश-विदेश के सुप्रसिद्ध विद्वानों के सान्निध्य में सम्पन्न हुआ। उद्घाटन सत्र का आरंभ डॉ. कृष्ण मुरारी त्रिपाठी के वैदिक मंगलाचरण व परंपरानुसार विश्वविद्यालय के कुलगीत की मनोहर प्रस्तुति वसुधा दीक्षित एवं ममता कुमारी के द्वारा की गयी। इसके उपरांत ज्योतिष विभागीय आचार्यों द्वारा मंचासीन विद्वानों का पुष्पमाला एवं उत्तरीय वस्त्र पहनाकर स्वागत किया गया।ज्योतिष विभागाध्यक्ष प्रो. शत्रुघ्न त्रिपाठी द्वारा स्वागत भाषण पूर्वक विषय प्रवर्तन करते हुए सम्मेलन के लक्ष्य एवं उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।

तत्पश्चात् प्रो. शत्रुघ्न त्रिपाठी द्वारा सम्पादित 'होरानवनीतम्' एवं ज्योतिषशास्त्र में 'कृषिविज्ञान' नामक पुस्तकों का मंचस्थ अतिथियों द्वारा लोकार्पण किया गया।मानित अतिथि के रूप में पधारे ज्योतिर्विद् प्रो. माधव प्रसाद पाण्डेय ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में ज्योतिषशास्त्रीय विषयों के चिंतन की आवश्यकता को सामाजिक दृष्टि से रेखांकित किया।मित्रदेश रूस से पधारे अन्तरराष्ट्रीय अतिथि विद्वान ईरीना पोजदीवा ने अपने वक्तव्य में काशी की ज्ञानभूमि व गुरुभूमि के रूप में शाश्वतता को बताकर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को ज्योतिष ज्ञान के लिए सर्वश्रेष्ठ भूमि बताया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. बिहारी लाल शर्मा (कुलपति, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय) ने अपने उद्बोधन में इस आयोजन के लिए ज्योतिष विभाग को साधुवाद देते हुये कहा कि विवाह की सम्पूर्णता हेतु मेलापक अत्यावश्यक है। साथ ही पंचांग की सूक्ष्मता हेतु शास्त्र में वर्णित उपक्रमों को ध्यान में रखते हुए निर्माण पर बल दिया।उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता संकायप्रमुख प्रो. राजाराम शुक्ल जी ने की। इस अवसर पर प्रो. चन्द्रमौली उपाध्याय, प्रो. श्रीकृष्ण त्रिपाठी, प्रो. मधुसूदन मिश्र, प्रो. शंकर कुमार मिश्र, प्रो. रामनारायण द्विवेदी इत्यादि बीएचयू तथा देश के विभिन्न राज्यों तथा नेपाल, भूटान, दुबई व रूस से पधारे अनेकों विद्वानों सहित लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने सम्मेलन के उद्घाटन समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।


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