अन्नपूर्णा मंदिर में 48 दिवसिय कुंभाभिषेक आयोजन का समापन बुधवार को होगा। जिसके मद्देनजर तीन दिवसीय अन्नपूर्णा देवी प्रतिष्ठा व मंडलाभिषेक संपूर्ति समारोह मंदिर प्रांगण मे आयोजित है। अन्नापूर्णेश्वरी दरबार में चल रहे अनुष्ठान के अंतर्गत भव्य समारोह में पूजा - पाठ हवन यज्ञ के साथ ही भव्य भक्ति संगीत में गायन वादन और नृत्य के साथ अनुष्ठान 26 मार्च को संपन्न होगा प्रथम दिन के आयोजन में शिव पार्वती विवाह व सांस्कृतिक कार्यक्रम से शिव - पार्वती विवाह हुआ। इस अवसर पर पुरे मंदिर प्रांगण को विभिन्न प्रकार के सुगंधित पुष्पों से सजाया गया । सुबह से हीं भक्तों का ताता लगा रहा माँ अन्नपूर्णा के प्रांगण मे महंत शंकर पुरी के सानिध्य ब्रामणो द्वारा मंत्रोचार के साथ आये भक्त पार्वती रूप मे माँ अन्नपूर्णा व बाबा के चल प्रतिमा को देख निहाल हो रहें है माता दरबार मे विवाह गीत गाए गए।
माता व बाबा की चल प्रतिमा की मंदिर प्रांगण मे महंत शंकर पूरी ने सविधि आरती उतारी, कंधे पर लेकर एक फेरी घुमाया गया घूमने के दौरान भक्त व कुछ छात्राये डांडिया करते व दक्षिण भारतीय स्वरूप मे चल प्रतिमा को लेकर शिव बारात रूप मे झूमते हुये परिक्रमा की।इस मौके पर महंत शंकर पूरी ने कहा कि भगवती की पूजा से दीघायु और सभी को समृद्धि प्राप्त होती है, मंदिर के अनुष्ठान हमेशा ' सर्वे जना: सुखिनो भवन्तु' प्रार्थना के साथ समाप्त होते हैं। इस दौरान धीरेन्द्र सिंह प्रदीप श्रीवास्तव व राकेश तोमर समेत मंदिर परिवार उपस्थित रहा ।
मंदिर मे चल रहें सांस्कृतिक कार्यक्रम के सयोजक कन्हैया दूबे भी मौजूद रहें। वही श्रृंगेरी मठ के तरफ से मुख्य रूप से रहें चल्ला अन्नपूर्णा प्रसाद चल्ला सुब्बाराव शास्त्री, चल्ला चिंतामणि गणेश चल्ला जगन्नाथ शास्त्री उपस्थित रहे। दक्षिण भारतीय शैली मे पहले दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम मे गणेश वंदन सरस्वती पूजन अन्नपूर्णा स्त्रोतम व शिव विवाह गायन कर लोगों का मन मोह लिया ।