आयुष चिकित्सकों के पंजीकरण नवीनीकरण में किये जा रहे अव्यवहारिक एवं अनुचित अपीड़न के संदर्भ में पीएमओ कार्यालय पहुंचकर आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र को संबोधित ज्ञापन दिया गया।
ज्ञापन सौंपने वालों ने कहा कि जनपद स्तर पर होने वाले पंजीकरण नवीनीकरण प्रक्रिया में प्रदेश के आयुष चिकित्सकों के उत्पीडन की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।उन्होंने विनम्र अनुरोध किया कि त्वरित कार्यवाही कर इस उत्पीडन को रोकने की कृपा करें।
1. वार्षिक नवीनीकरण के संदर्भ में आपका व्यान आकर्षित करना चाहते हैं कि माननीय उच्च न्यायालय ने (Application 99565-2007) नवीनीकरण के संदर्भ में स्पष्ट निर्देश दिया है जिसका सार है कि यदि चिकित्सा प्रतिष्ठान की मूल स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है तो गतवर्ष के रजिस्ट्रेशन की छायाप्रति तथा उपरोक्त संबंधित घोषणा पत्र ही लिया जायेगा न कि सम्पूर्ण रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के लिए बाध्य किया जाये
2. फायर एन.ओ.सी. के नाम पर एकल क्लिीनिक चलाने वाले चिकित्सकों का उत्पीड़न किया जा रहा है व फायर एन.ओ.सी. के लिए बाध्य किया जा रहा है।
3. रेन्ट एग्रीमेंट/प्रोपर्टी के मालकाना हक की मांग अनुचित व अव्यवहारिक व अनुपयोगी है क्योंकि चिकित्सक के रजिस्ट्रेशन में चिकित्सा स्थान के पता का उल्लेख होता है।
4. चिकित्सकों के आपराधिक गतिविधियों / गैर कानूनी गतिविधियों में संलग्न न होने का प्रमाणपत्र मांगना, चिकित्सकों के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है।
5. शासन द्वारा जनपद स्तरीय पंजीकरण का नवीनीकरण प्रति वर्ष के स्थान पांच वर्ष हेतु किया जाने का निर्णय शासन द्वारा लिया जा चुका है परन्तु विभाग से कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है का हवाला देते हुये अधिकांश क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी पांच वर्ष के स्थान पर एक वर्ष का ही नवीनीकरण कर रहे हैं। कृपया इस संदर्भ में आवश्यक निर्देश देने की कृपा करें।आपसे अनुरोध है कि प्रदेश के आयुष चिकित्सकों के रजिस्ट्रेशन के नाम पर उत्पीड़न रोकने की कृपा करें।