कोतवाली थाने की पुलिस के हत्थे चढ़े तीन अभियुक्त, धोखाधड़ी करके बदले गए सोने के आभूषण बरामद

थाना कोतवाली पुलिस द्वारा 03 अभियुक्त गिरफ्तार हुए, कब्जे से धोखाधड़ी करके बदले गये सोने के आभूषण कुल 12 अदद लॉकेट व 02 अदद अंगूठी बरामद किया गया।थाना कोतवाली पुलिस टीम द्वारा थाना स्थानीय पर पंजीकृत मुकदमे से संबधित आभूषण जिसको अभियुक्तगण द्वारा बाबा काल भैरव मंदिर रोड पर स्थित सोने की दुकान पर नकली सोने का आभूषण के बदले दुकानदार से असली सोने के आभूषण लेकर चले गये थे को  मुखबिर खास की सूचना पर हरिश्चंद्र पार्क में सार्वजनिक शौचालय के पास से 03 अभियुक्तगण को गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से धोखाधड़ी करके बदले गये आभूषण कुल 12 अदद लॉकेट व 02 अदद अंगूठी की  बरामदगी किया गया । गिरफ्तारशुदा अभियुक्तगण के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जा रही है।

घटना का विवरणः- बाबा काल भैरव मंदिर रोड पर स्थित सोने की दुकान पर अभियुक्तगण आकर लड़की की शादी की बात बताकर दुकानदार को पुराना सोने का समान देकर उसके बदले कुछ नये आभूषण एवं साड़ी लेने की बात बताकर दुकानदार की दुकान से आभूषण पसन्द करके पुराने आभूषण के बदले नये आभूषण को लेकर चले गये । दुकानदर द्वारा आभूषण को चेक किया गया तो ऊपर से सोने की परत लगा हुआ पाया गया था। जिसके संबंध में दुकानदार द्वारा थाना कोतवाली पर अभियोग पंजीकृत कराया गया था।

विवरण पूछताछः- अभियुक्तगण पूछताछ में बताये कि हम लोग सोना वालों को भरोसा दिलवाकर नकली सामान असली बनाकर देते है यह सामान अपने पास रखकर तीनों लोग मिलकर सोना वाले के पास जाते हैं तो पहले एक पीली धातु की अंगूठी रखते हैं और अंगूठी के दाम का आधा रुपया सोनार से मांगते हैं और कहते हैं की दो दिन बाद आयेंगे आपसे अंगूठी लेंकर आपका रुपया ब्याज के साथ दे देंगे फिर उसके चार-पांच दिन बाद आते हैं तो एक पीली धातु की लॉकेट रखते हैं फिर उस गिरवी रखे सामान के दाम का आधा रुपया लेकर के चले जाते हैं दो-तीन दिन बाद आकर गिरवी रखे सामान को भी वापस ले लेते हैं जब दुकानदार को विश्वास हो जाता है तो हम लोग स्वर्णकार की हैसियत के हिसाब से सामान नकली और असली मिलाकर पूरे सामान को असली मानकर सामान की कीमत काही पूरा पैसा और अन्य सामान सोने चांदी का यह बता कर ले लेते हैं कि मेरे लड़की की शादी है तो दुकानदार विश्वास करके पूरा पैसा दे देता है और उसके एवज में गहने भी दे देता हैं और स्वर्णकार नकली सामान को असली समझ कर रख लेता है और फिर हम दोबारा उस दुकान पर नहीं जाते हैं इस प्रकार हम दुकान वाले को धोखा देकर अपना सामान लेकर बिना कोई जान पहचान बताएं अपने घर चले जाते हैं और जो भी रुपया और सामान दुकान वाले से लेते हैं सभी लोग आपस में बांट लेते हैं साहब दुकान वाले से हम लोग जो सामान लिए थे कुछ सामान हम लोग अपने हिस्से में से चलते फिरते व्यक्तियो को औने पौने दाम पर बेंच दिये थे बिक्री का जो पैसा मिला था उसको हम लोग खाने पीने में खर्च कर दिये हैं।

Post a Comment

Previous Post Next Post