भर/राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित करने हेतु प्रथम चरण अधिकार यात्रा निकाली गई। कमिश्नरेट कार्यालय पहुंचे समाज के लोगों ने बताया कि अष्टम विधानसभा की याचिका समिति ने सिफारिश की थी। किन्तु विधानसभा की याचिका समिति के निर्णय के विपरीत भर/राजभर जाति का प्रस्ताव अनुसूचित जाति (SC) में चला गया जिसे जून 1983 में खारिज कर दिया गया फिर दोबारा अनुसूचित जाति का प्रस्ताव सन 2004 और 2013 में भेजा गया| जिसे RGI बार-बार खारिज कर दिया किन्तु एक बार भी अनुसूचित जनजाति (ST) का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार ने नहीं भेजा |
द ग्रेट भर अधिकार एवं जनजागरण यात्रा का मकसद अधिक से अधिक अपने अधिकारों के प्रति जनजागरण हो जिससे समाज अपने हक अधिकार की मांग को संवैधानिक अमलीजामा पहना सके।इस गरीब, वंचित, उपेक्षित समाज का अनुसूचित जनजाति में नोटिफिकेशन हो जाये ताकि इस समाज का विकास हो सके एवं समाज के छात्र युवा विश्विद्यालय, सचिवालय, न्यायालय में पहुंच कर समाज का प्रतिनिधित्व बढ़ा सके।