प्रवासी कारोबारी से बंधक बनाकर एक लाख रुपए वसूलने का मामला आया सामने

 प्रवासी कारोबारी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के कारोबारी द्वारा बंधक बनाकर व प्रताड़ित कर जबरदस्ती 01 लाख रूपया वसूल लिये जाने के का मामला सामने आया। कोटनी राजेश कुमार ने बताया कि वो जिला गंजाम उडीसा का एक प्रतिष्ठित साड़ी व्यवसायी है जिसकी एक फर्म पदमा सिल्क पैलेस वर्ष 1974 ई० से साड़ी व्यवसाय करती चली आ रही है। उन का साड़ी का कारोबार शहर वाराणसी के व्यापारियों से होता रहा है, वाराणसी के व्यापारी मेसर्स श्री अशोक साड़ी स्थित कार्यालय महमूरगंज रोड थाना सिगरा वाराणसी में है, जिसके प्रोपराइटर अशोक शाह है, उनसे काफी वर्षों से व्यापार होता रहा है। 

विगत कुछ समय से मेसर्स अशोक साड़ी के द्वारा डिमांड के अनुसार एवं गुणवत्ता पूर्ण साड़ियों का सप्लाई ना किये जाने के प्रार्थी ने उनसे कारोबार बंद कर दिया था, उनके द्वारा कुछ माल वर्ष 2024 में भेजे गये थे, जो अच्छे गुणवत्तायुक्त ना होने के कारण प्रार्थी ने उक्त माल को वापस करा दिया था तथा उनसे कारोबार बंद कर दिया था, जिसकारण से मेसर्स अशोक साडी के स्वामी अशोक शाह व उनके पुत्र पुत्र अवनीश शाह प्रार्थी से रंज रखे हुए थे, उनके द्वारा व्यापार के अनुक्रम में अमानत पर लिये गये चेको का दुरुप्रयोग करते हुए वाराणसी के न्यायालय में धारा 138 एन.आई.एक्ट का परिवाद पत्र अपने अधिवक्ता के माध्यम से संस्थित कर रखा है जो विचाराधीन न्यायालय है।उक्त परिवाद पत्र लम्बित रहने के दौरान भी मेसर्स अशोक साड़ी के कर्ता-धर्ता अवनीश शाह व उनके पिता अशोक शाह बराबर प्रार्थी को फोन कर नाजायज रूपयों की मांग की जाती रही जबकि प्रार्थी द्वारा न्यायालय के समक्ष अपनी बातों को जरिये अधिवक्ता प्रस्तुत किया जा चुका है। दिनांक 29.04.2025 को अशोक शाह द्वारा अपने मो0नं0 9839049760 से प्रार्थी को फोन कर वार्तालाप व सेलटमेंट हेतु वाराणसी आकर मिलने हेतु बुलाया, उनकी बातों पर विश्वास कर महमूरगंज स्थित आफिस गया जहां प्रार्थी को कई घंटों तक अपने आफिस में बंधक बनाकर काफी गाली गलौज देते हुए प्रताडित किया और अपने परिचित मोहन गुप्ता को भी फोन करके बुला लिया, मोहन गुप्ता के आ जाने के उपरान्त उनके द्वारा भी प्रार्थी के साथ काफी अभद्रता की गयी, और जबरदस्ती अवनीश शाह व मोहन गुप्ता द्वारा प्रार्थी से बकाये रूपयों की मांग करने लगे, जबकि मुकदमा न्यायालय में विचाराधीन है उन्होंने डरा धमकाकर आनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से कुल 75 हजार रूपये और प्रार्थी के ए.टी.एम. से अपने कर्मचारी को साथ भेजकर कैश विद्रा कराकर गु० 25 हजार रूपये यानि कुल 01 लाख रूपया नाजायज बंधक बनाकर वसूल लिया गया है,


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