हिसार पुलिस ने ज्योति के डिवाइस और डिजिटल अकाउंट्स से 12 टेराबाइट्स का डिजिटल फॉरेंसिक डाटा किया बरामद, हुए कई खुलासे

हिसार पुलिस ने ज्योति के डिवाइस और डिजिटल अकाउंट्स से 12 टेराबाइट्स का डिजिटल फॉरेंसिक डाटा बरामद कर कई खुलासे किए हैं. यह डिजिटल डाटा ज्योति के पाकिस्तान से जुड़े कनेक्शन और एक 'नैरेटिव पुश' अभियान को उजागर करता है. 12 टेराबाइट्स का डाटा में चैट रिकॉर्ड्स, कॉल लॉग्स, वीडियो फुटेज, वित्तीय लेनदेन और अन्य जानकारियां हैं, जो आगे की जांच में और मददगार साबित होने जा रहा है. राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में ऐसे डिजिटल फॉरेंसिक डाटा बेहद अहम मानी जाती है. इसकी मदद से जांच एजेंसियां पूरे टाइमलाइन को समझती है, नेटवर्क का पता लगाती है और छिपे हुए लिंक को उजागर करती है. ज्योति मल्होत्रा के मामले में सावधानीपूर्वक 'नैरेटिव पुश' किया गया, जो कि भारत की सुरक्षा के लिए बड़े स्तर के खतरे को उजागर करता है.

 नैरेटिव पुश एक तरह की स्ट्रैटेजी होती है जिसमें मीडिया, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल लोगों की ओपिनियन को आकार देती है. इसके तहत किसी खास एजेंडा को जनता के बीच फैलाया जाता है. पाक की ISI एजेंसी इसका इस्तेमाल कर भारत में फूट डालने, गलत सूचनाएं फैलाने और लोकतांत्रिक संस्थानों की छवि बिगाड़ने की कोशिश करती हैं. सूत्रों के अनुसार, ज्योति ISI से जुड़े चार पाकिस्तानी मूल के लोगों से सीधे संपर्क में थी. ये सभी पाक के लोगों से वन-टू-वन की गई. ताकि किसी भी तरह का डिजिटल ट्रेस न छोड़ा जा जाए. पाकिस्तान की ओर से ज्योति को वीआईपी ट्रीटमेंट दी गई थी. पाकिस्तान ने उसे विशेष वीजा और सुरक्षा कवर दिया. ऐसी सुरक्षा जो विदेशी पत्रकारों को भी वहां आमतौर पर नहीं मिलती. यह दर्शाता है कि पाक उन्हें एक 'एसेट्स' के तौर पर इस्तेमाल कर रहा था. ज्योति के पाकिस्तान दौरे के बाद अचानक से उनकी सोशल मीडिया पर लोकप्रियता बढ़ गई. जांचकर्ताओं का मानना है कि यह ऑर्गेनिक तौर पर नहीं हुआ, यह सुनियोजित था. जिसमें पाक के नैरेटिव को इनडायरेक्टली बढ़ावा दिया गया.

 पुलिस का कहना है कि जो भी डिजिटल साक्ष्य मिले हैं वह ज्योति को कानून के तहत सजा दिलाने के लिए काफी हैं. ज्योति की गतिविधियां एक आम पत्रकारिता की सीमा से कहीं आगे दिख रही हैं. ज्योति की गतिविधियां राष्ट्र विरोधी चीजों में लिप्त दिख रही है. पुलिस को जो डाटा मिला है उसमें वित्तीय लेनदेन की भी जानकारियां है. अब यह पता लगाया जाएगा कि ज्योति को कहां से फंडिंग मिली और इसका उद्देश्य क्या था. जांच एजेंसी ने यह पुष्टि की है कि ज्योति के पाक के पहले दौरे से ही उनपर निगरानी रखी जा रही थी. उनका किसी प्रतिबंधित नेटवर्क या संस्थान से कनेक्शन है या नहीं इसकी जांच की जा रही है.

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