शहर की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था डीएवी पीजी कॉलेज की छवि को कथित रूप से धूमिल करने की कोशिशों के खिलाफ कॉलेज प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। शुक्रवार को कॉलेज के प्रबंधक अजीत कुमार सिंह और कार्यवाहक प्राचार्य प्रोफेसर मिश्रीलाल के नेतृत्व में प्राध्यापकों और कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री संसदीय कार्यालय में एक पत्रक सौंपा। यह पत्रक शहर दक्षिणी के विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी को सौंपा गया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाने की मांग की गई।इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति और कुलसचिव को भी पत्रक सौंपा।
इसमें तथाकथित छात्रनेताओं की आपराधिक पृष्ठभूमि, उनकी कॉल डिटेल और लोकेशन की जांच की माँग की गई, जिससे इस पूरे षड्यंत्र के पीछे छिपे असली साजिशकर्ताओं को बेनकाब किया जा सके।प्रबंधक अजीत कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ भूमाफिया और अपराधी कॉलेज की बेशकीमती ज़मीन और चल रही नियुक्तियों को लेकर कॉलेज की छवि खराब करने की साज़िश रच रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता की हत्या इन्हीं तत्वों द्वारा की गई थी, और अब वही ताकतें दोबारा सक्रिय हो गई हैं।इस प्रतिनिधिमंडल में कॉलेज के प्रमुख अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी और विभिन्न संगठनों से जुड़े सदस्य शामिल रहे। सभी ने मिलकर कॉलेज की गरिमा और निष्पक्षता की रक्षा के लिए एकजुटता दिखाई।