अवांछनीय तत्वों एवं भू-माफियाओं द्वारा सुनियोजित षड़यंत्र के द्वारा संस्था एवं उसकी बेशकीमती भूमि पर कब्जा करने की गलत मंशा से मिथ्यारोपों के माध्यम से संस्था की सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल करने के सन्दर्भ में पीएमओ कार्यालय पर ज्ञापन दिया गया। सदस्यों ने कहा कि आर्य विद्या सभा, काशी वाराणसी संसदीय क्षेत्र के शहर दक्षिणी विधान सभा क्षेत्र में सोसोईटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अन्तर्गत पंजीकृत संस्था है, जो अपने स्थापना काल सन् 1918 से समाज में शिक्षा के क्षेत्र में अपने उत्तरदायित्वों के निर्वहन के क्रम में उसके व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु अनवरत प्रयत्नशील है। वर्तमान में आर्य विद्या सभा, काशी समाज में अपने उक्त उद्देश्यों की पूर्ति हेतु अति प्राचीन तीन ख्यातिलब्ध शिक्षण संस्थानों क्रमशः डी.ए.वी.पी.जी. कॉलेज, वाराणसी, डी.ए.वी. इण्टर कॉलेज, वाराणसी एवं नित्यानन्द वेद महाविद्यालय, वाराणसी का संचालन कर रही है, जहाँ देश-विदेश के विभिन्न कोनों से हजारों छात्र/छात्राएं अपनी शिक्षा ग्रहण कर विश्व पटल पर इस संस्था एवं देश का नाम रोशन कर रहे हैं। वाराणसी का डी.ए.वी.पी.जी. कॉलेज, जिसकी स्थापना भी महामना पं. मदन मोहन मालवीय जी की प्रेरणा से उनके शिष्यों एवं मातहतों ने वाराणसी शहर के मध्य में 1938 में शुरू किया था। तब से यह महाविद्यालय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से सम्बद्ध होकर वाराणसी संसदीय क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में अपनी उच्चीकृत शैक्षणिक परम्परा, मानवीय मूल्यों एवं भारत रत्न महामना मालवीय जी की परम्परा व आदर्शों के अनुरूप शिक्षा के क्षेत्र व छात्रों के स्वर्णीम भविष्य के निर्माण में अपनी अग्रणी भूमिका का निर्वहन अनवरत करता चला रहा है।
अपने अत्यंत अल्प संसाधनों के बावजूद यह महाविद्यालय राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा सन् 2011 में 'A' ग्रेड, 2017 में 'A' ग्रेड एवं सन् 2022 में पुनः 'A' जैसे विशिष्ट ग्रेड से मूल्यांकित किया जा चुका है।विगत कुछ माह पूर्व से एक समूह विशेष द्वारा सुनियोजित षड़यंत्र करते हुए अनर्गल एवं मिथ्यारोपों के माध्यम से संस्था एवं उसके द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं की बेदाग प्रतिष्ठा को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास लगातार किया जा रहा है। जिसमें महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य सहित वर्तमान में कार्यरत कुछ कर्मचारियों जिनके गलत कृत्यों के विरुद्ध महाविद्यालय प्रशासन द्वारा अनुशासनात्क/विभागीय कार्यवाही सम्पादित की गयी है. प्रत्यक्ष / अप्रत्यक्ष रूप से सम्मिलित हैं। ये सभी लोग आपस में शहर के कुछ भू-माफिया, आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों तथा कुछ तथाकथित छात्र नेताओं से मिलीभगत कर झूठी, मनगढंत एवं अनर्गल शिकायतों के माध्यम से संस्था एवं उसके द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं को बदनाम करने का लगातार कृत्सित प्रयास किया जा रहा है। इनकी मंशा संस्था एवं उसके द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं पर अनाधिकृत रूप से कब्जा कर उसकी बेशकीमती जमीन अपने व्यक्तिगत लाभ हेतु हासिल करना मुख्य है। उन्होंने संस्था एवं उसके द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं पर कब्जा एवं उसकी बेशकीमती भूमि को हासिल करने की गलत मंशा से उक्त तथाकथित समूह द्वारा लगातार किए जा रहे कुत्सित प्रयासों को अवरूद्ध कर संस्था की प्रतिष्ठा की रक्षा एवं दिनांक 25-08-2004 की भॉति निर्मम हत्या करने जैसी घटना को दृष्टिगत हेतु जान-माल की रक्षा संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने की मांग की ।