विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल स्थित डॉक्टर लॉन्ज में रक्तदान शिविर व जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत महामना पंडित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर की गई। इसके बाद बीएचयू आईएमएस के निदेशक सहित डॉक्टरों द्वारा लाल गुब्बारे उड़ाकर रक्तदान के प्रति लोगों को जागरूक किया गया।इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोगों ने रक्तदान किया, जिसमें डॉक्टरों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।
कार्यक्रम के दौरान ब्लड कलेक्शन सेंटर के इंचार्ज डॉ. आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि एक स्वस्थ व्यक्ति, जिसका हीमोग्लोबिन 12.3 ग्राम से अधिक है, वह हर 3 महीने में एक बार रक्तदान कर सकता है। वहीं महिलाओं के लिए यह अंतराल 4 से 5 महीने का हो सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि एक यूनिट रक्तदान से तीन लोगों की जान बचाई जा सकती है और रक्तदान से शरीर को कोई नुकसान नहीं होता, बल्कि आपका शरीर नए रक्त निर्माण करता है। वही 71 बार रक्तदान कर चुके डॉ0 एस के सिंह ने बताया कि मैने 71 बार रक्तदान किया है इससे कोई समस्या नहीं आती बल्कि नया खून बनाने से आपको नई ऊर्जा मिलती है और रक्तदान से हार्ट अटैक के खतरों को भी कम किया जा सकता है।