सूदखोरों से पीड़ित मेदिनी सिंह, संतोष कुमार यादव, सूरज वर्मा ने सामूहिक रूप से प्रेसवार्ता की। प्रेसवार्ता के दौरान मैदिनी सिंह ने बताया कि सूदखोर सुधीर कुमार राय पुत्र ओमकार राय निवासी बालाजी नगर कालोनी लंका, वाराणसी द्वारा हमें बराबर डराया धमकाया जा रहा हैं हमसे अवैध वसूली की माँग की जा रही है और जबरिया लंका थानाध्यक्ष के सांठगांठ से मेरे और मेरे पति प्रदीप सिंह के खिलाफ फर्जी तरीके से मुकदमा पंजीकृत कराया गया जिसमें प्रार्थी द्वारा न्यायालय के माध्यम से याचिका दायर कर एनटी सेपेट्री बेल लिया गया।
लेकिन इससे भी इन सूदखोरों का आतंक कम नहीं हुआ उन्होंने प्रदीप सिंह को व्याज पर 300000/- (तीन लाख रू) गाड़ी के लोन एकाउण्ट में जमा किया। जिसके एवज में उसने टाटा सफारी स्ट्रांम गाड़ी जबरिया अपने पास रक्खी। जबकि इस एवज में सुधीर राय उनकी पत्नी स्नेहा सिंह के ज्वाइन्ट एकाउण्ट में 128000/- रू० (एक लाख अट्ठाइस हजार रू०) नगद खाते में हमने जमा किया है। उसमें दो सादा स्टाम्प हस्ताक्षर किया हुआ लिया है। लेकिन अभी तक सुधीर राय को 524300/- रू0 (पाँच लाख चौबिस हजार तीन सौ रू०) कैश एवं ऑनलाइन द्वारा दिया जा चुका है। जबकि मैदिनी सिंह ने बताया कि हमारे पति से 5 चेक सेक्योरिटी के रूप में लिये गये हैं और जिसमें से उसने 300000/- रू० (तीन लाख रु०) का चेक बाउंस कराया। इसकी एक आदत है लोगों को सूद पर पैसा देना और कुछ ही दिन में चेक को बाउंस कराकर फर्जी मुकदमा में फंसाना, शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण करना इस प्रकार डराना धमकाना पीड़ित इनके डर से अपने मकान को ओने-पौने दाम पर बेच कर भागने पर मजबूर हो जाय।
इनकी गैंग के सरगनाओं में अनुज कुमार सिंह निवासी टोडरपुर राजातलाब (फर्म शुभलाभ माइक्रो केयर फाउण्डेशन ( कारपोरेट अफेयरर्स भारत मंत्रालय) के नाम का दुरूपयोग करता है, पंकज कुमार सेठ प्रदेश अध्यक्ष अपना दल कमैरावादी पार्टी, विक्की विश्वकर्मा, जयकिशन सिंह जैकी, नगरपंचायत गंगापुर रोहनियां, शुभम सिंह, नगरपंचातय गंगापुर रोहनियां, बंटी सिंह नगरपंचायत गंगापुर रोहनियां, प्रहलाद पाण्डेय बालाजी नगर कालोनी लंका, वाराणसी, अनुपम गोस्वामी कृष्णा नगर कालोनी, लंका, वाराणसी, हर्षित सिंह डाफी, लंका, वाराणसी, राजू तपस्या, रोहनिया बाड़ापुर, वाराणसी, अनन्त करौंदी, राजा हासिमी, राजेन्द्र पटेल, रंजीत सेठ, आदि अन्य लोगा भी।
प्रेसवार्ता में पीड़ित संतोष कुमार यादव ने बताया कि एक आडियो में यह सुनने में आया कि सूदखोर गैंग का माफिया लीडर सुधीर कुमार राय ने यह कह रहा है कि हमने लंका थानाध्यक्ष 5000000/- रू० (पचास लाख रू०) 3 प्रतिशत सूद पर लिया है। एन. एच.-24 का टेंडर के लिए जिसकी खबर भी वायरल भी हुई थी लेकिन खबर वायरल होने के बावजूद अभी तक प्रशासनिक महकमे द्वारा किसी प्रकार की लंका थानाध्यक्ष के ऊपर कार्यवाही न होना इस बात को दर्शाता है लंका थानाध्यक्ष की अधिकारी स्तर पर अच्छी पकड़ है। वहीं पीड़ित पक्ष यह कह रहा है कि अगर थानाध्यक्ष का सूदखोर माफिया गैंग लीडर सुधीर राय से किसी प्रकार का लेन-देन नहीं है तो अभी तक लंका थानाध्यक्ष द्वारा क्यों कार्यवाही नहीं की गयी। लंका थानाध्यक्ष द्वारा कार्यवाही न किया जाना है इस बात को दर्शाता है कि सुधीर राय और लंका थानाध्यक्ष का पैसे का लेन-देन निश्चित है। आखिर यह 5000000/-(पचास लाख रू०) की धनराशि कहाँ से आई इसकी जाँच सी०बी०आई० द्वारा लंका थानाध्यक्ष के ऊपर जाँच बैठाई जाय। कहीं ऐसा तो नहीं लंका थानाध्यक्ष हवाले के कारोबार में लिप्त तो नहीं है इसकी विधिसंगत जाँच होनी चाहिये।
पीड़ित संतोष कुमार यादव ने कहा कि सुधीर राय ने हमसे 1525000/- रू० (पन्द्रह लाख पच्चीस हजार रू०) चेक द्वारा सुधीर राय 500000/- (पाँच लाख रू0) चेक नं0 718200, स्नेहा सुधीर राय 600000/- रू० (छः लाख रू०) चेक नं0 718194, स्नेहा राय 425000/- रू० (चार लाख पच्चीस हजार रू०) चेक नं0 718055 यह रूपया सुधीर कुमार राय जमीन खरीदने के एवज में हमसे लिया था जो आज तक नहीं दे पायें हैं। जब इनसे पैसे की माँग की गई तो नगवा चौकी पर मौजूदा चौकी प्रभारी अभय गुप्ता के समक्ष इन्होंने जबरिया सुलेहनामा करवाया जिसमें उन लोगों द्वारा पीड़ित के उपर उलटे कैश का कर्जदार घोषित कर दिया। जबकि पीड़ित 1525000/- वापस मिला ही नहीं। जबकि सुधीर राय ऐसे व्यक्ति है जब इनका दिल करता सामने छड़ी रखते हैं पिस्टल से डरा धमका कर पीड़ित को पीटने का काम करते हैं। हमारी माँग है इनकी पिस्टल की जाँच की जाय अगर इनका पिस्टल अवैध है तो इन पर मुकदमा किया जाय अगर लाइसेंसी है तो पिस्टल का लाइसेंस निरस्त किया जाय। क्योंकि अपराधिक व्यक्ति के पास पिस्टल का होना समाज में किसी प्रकार की बड़ी दुर्घटन घटित हो सकती है। इससे सूदखोरों से पीड़ित लोगों में काफी डर व्याप्त है पिस्टल को लेकर। क्योंकि पिस्टल का खुले आम प्रदर्शन करते हैं।
वहीं सूरज कुमार वर्मा करोंदी निवासी का कहना है कि मेरा दुकान रोहित कलेक्शन के नाम से है। दुकान बढ़ाने के नाम पर 200000/- (दो लाख रू०) ब्याज पर लिया था। जिसमें एक लाख का 10000/- रू० व्याज था। 1200/- प्रतिदिन की डायरी बनी। जबकि पीड़ित का कहना है कि हमने अपनी गाड़ी बेच कर 100000/- (एक लाख रु०) दिया। जबकि पीड़ित ने 400000/- (चार लाख रू०) अदा कर चुका है। लेकिन अभी तक इनका बकाया खत्म होने का नाम ले नहीं रहा है। इनके द्वारा हमरो ब्लैक चेक (दो) लिया गया था। जिसे समय से पहले चेक बाउंस करा इनके पर मुकदमा किया जबकि उसके पहले ही यह पूरा पैसा ले चुके थे। आखिर हम लोगों के साथ न्याय कब मिलेगा, कैसे मिलेगा यह सबसे बड़ा प्रश्न चिन्ह है। पीड़ित पक्ष के सभी लोगो का कहना है कि जबतक लंका थानाध्यक्ष थाने में बने रहेंगे तब तकहमें न्याय मिलने की संभावना नहीं है। क्योंकि लंका थाने का लंका थानाध्यक्ष नहीं चला रहा है बल्कि थाना को सुधीर कुमार राय और उनकी गैंग चला रहे हैं। नहीं तो ऐसा नहीं होता। अगर सूदखार माफिया के कहने पर लंका थानाध्यक्ष उनके मुकदमे लिख रहे हैं तो मेरे भी मुकदमे लिखे जाते। इन सारे प्रकरण में ज्यादा तर सूदखेरों की पत्नियां (1) किरन सेठ पत्नी पंकज सेठ (2) स्नेहा राय पत्नी सुधीर कुमार राय (3) रागिनी सिंह पत्नी अनुज कुमार सिंह भी शामिल है, जिनके खाते के लेन-देन का लेखाजोखा का साक्ष्य है।