वाराणसी में कथावाचकों को लेकर दिए गए अखिलेश यादव के बयान पर अब योगी सरकार में मंत्री दयाशंकर मिश्र ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने साफ कहा है कि इस देश में ऋषि, संत और ब्रह्मर्षियों की कोई जाति नहीं पूछी जाती – उनका ज्ञान ही उनकी पहचान होता है।दयाशंकर मिश्र ने कहा कि देश में ऐसे कथावाचक हैं, जिनके चरणों की धूल लोग माथे पर लगाने को तैयार रहते हैं। उन्होंने अखिलेश यादव को सलाह दी कि वो जाति के चश्मे से बाहर निकलें और अधूरे ज्ञान के आधार पर धर्म और संत समाज को अपमानित न करें।
इस देश में कभी संत, ऋषि, महात्मा या ब्रह्मर्षि की जाति नहीं पूछी गई। उनकी जाति उनका ज्ञान और उनकी विद्वता रही है। अखिलेश यादव जैसे नेता जब कथावाचकों में जाति देखने लगते हैं, तो ये उनके अधूरे ज्ञान का परिणाम है। पहले काम बँटे थे, जाति नहीं... लक्ष्मीबाई, शिवाजी, महाराणा प्रताप – इनके नाम के आगे कभी जाति नहीं जोड़ी गई। विपक्ष ने अपने स्वार्थ में समाज को जातियों में बाँट दिया है। अब देखना होगा कि अखिलेश यादव इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं, लेकिन फिलहाल इतना तय है कि कथावाचकों से शुरू हुआ यह विवाद अब गहराती सियासत का हिस्सा बन गया है।